सत्र के पहले दिन 31 जनवरी को राष्ट्रपति अभिभाषण के बाद दोनों सदनों में आर्थिक सर्वेक्षण-2021-22 पेश किया जाएगा जिसमें देश के आर्थिक हालाता का वृहद विवरण प्रस्तुत करने के साथ आर्थिक-सामाजिक नीतियों और कार्यक्रमों की भविष्य की दिशा का संकेत दिखेगा। पहले दिन राज्य सभा की कार्यवाही अपराह्न ढ़ाई बजे शुरू होगी। दूसरे दिन मंगलवार एक फरवरी को पूर्वाह्न 11 बजे लोक सभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वर्ष 2022-23 का आम बजट पेश करेंगी। उस दिन राज्य सभा की कार्यवाही बजट भाषण के एक घंटे बाद शुरू होगी और सदन पटल पर बजट की प्रति रखी जाएगी।
उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर, इन पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के बीच हो रहे बजट सत्र में विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच महंगाई, बेरोजगारी सहित कई अन्य मुद्दों पर तीखी नोकझोंक होने की संभावना है। सत्ता पक्ष के भी आक्रामक मुद्रा में रहने के आसार हैं। पांच जनवरी को पंजाब में प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक के मुद्दे को भी उठाया जा सकता है। रेलवे की भर्ती परीक्षा को लेकर छात्रों के आंदोलन की गूंज भी सदन में सुनाई दे सकती है।
बजट सत्र में जासूसी के साफ्टवेयर पेगासस का मामला विपक्ष फिर उठा सकता है क्यों कि सत्र से ठीक पहले अमेरिका के एक अखबार ने लिखा है कि इजरायल की कंपनी के इस साफ्टवेयर को भारत ने रक्षा सौदे के तहत खरीदा था। कोविड महामारी के कारण पहले चरण में दोनों सदनों कार्यवाही दो फरवरी से 11 फरवरी तक अलग अलग समय चलाने का फैसला लिया गया है। राज्यसभा की कार्यवाही सुबह 10 बजे से अपराह्न तीन बजे तक और लोकसभा की कार्यवाही अपराह्न चार बजे से रात 9 बजे तक चलेगी।
बजट अधिवेशन के दौरान 12 फरवरी से 13 मार्च तक एक माह के अवकाश रहेगा। अवकाश की अवधि के दौरान सरकार के विभागों से जुड़ी संसदीय समितियां संबंधित मंत्रालयों को बजटीय आवंटन की समीक्षा करती हैं। मध्यावकाश के बाद 14 मार्च से शुरू होने वाले दूसरे चरण में मंत्रालयों की अनुदान मांगों पर चर्चा की जाएगी और संबंधित विभागों के मंत्री उत्तर देंगे। अंत में बजट पर चर्चा के बाद वित्त मंत्री के जवाब के साथ सभी विभागों की अनुदान मांगों और वित्त विधेयक को पारित किया जाएगा।
कोविड-19 के संक्रमण के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर संसद परिसर में प्रवेश करने वाले सांसदों एवं कर्मचारियों के लिए आरटी पीसीआर जांच की नेगेटिव रिपोर्ट और पूरी तरह से टीकाकरण कराने का प्रमाणपत्र जरूरी होगा। संसद के पिछले सत्र का ज्यादा तर समय शीतकालीन सत्र के पहले दिन 29 नवंबर 2021 को राज्य सभा के सभापित वेंकैया नायडू द्वारा सदन के 12 सदस्यों को पूरे सत्र के लिए निलंबन किए जाने की कार्रवाई के विरोध में विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी और हंगामे की भेट चढ़ गया था। इन सदस्यों वा पिछले सत्र के आखिरी दिन 11 अगस्त में उनके ‘अशोभनीय व्यवहार’ के लिए दंडित किया गया था। संसद के स्थायी सदन राज्य सभा का यह 256वां सत्र है।