नई दिल्ली (मानवी मीडिया): उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी हो गया है। उन्हें 24 जनवरी को अदालत में पेश होना होगा अन्यथा उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बयान दिया था कि किसी को भी पूजा नहीं करनी चाहिए। इस पर धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में उन पर केस दर्ज कराया गया था। साल पुराने मामले में उनके खिलाफ इस समय गिरफ्तारी वॉरंट जारी होने को लेकर सवाल भी उठाए जा सकते हैं। यही नहीं चुनाव से ऐन पहले ऐसा होने को वह अपने पक्ष में भी भुना सकते हैं। 2014 में उन्होंने एक विवादित बयान दिया था, जिसमें कहा था कि किसी को भी पूजा नहीं करनी चाहिए।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस मामले में स्वामी प्रसाद मौर्य को आज अदालत में पेश होना था। लेकिन वह कोर्ट में पेश नहीं हुए तो फिर उनके खिलाफ यह वारंट जारी किया गया। हालांकि वारंट की टाइमिंग को लेकर सवाल उठ सकते हैं क्योंकि मंगलवार को ही उन्होंने यूपी सरकार की कैबिनेट से इस्तीफा दिया था। उनका कहना था कि दलितों और पिछड़ों की सरकार में उपेक्षा होने के चलते मैं पद से इस्तीफा दे रहा हूं। यही नहीं स्वामी प्रसाद मौर्य ने 14 जनवरी को समाजवादी पार्टी से जुड़ने का ऐलान किया है। उनके अलावा एक और मंत्री दारा सिंह चौहान ने भी आज योगी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। वह भी अखिलेश यादव से मिले हैं।
दारा सिंह चौहान भी स्वामी प्रसाद के ही करीबी नेता हैं। दोनों नेता एक ही जिले कुशीनगर से चुनाव लड़ते रहे हैं। स्वामी प्रसाद मौर्या कुशीनगर की पडरौना सीट से विधायक हैं, जबकि दारा सिंह चौहान भी इसी जिले से विधायक हैं। दोनों नेता लंबे समय तक एक साथ बीएसपी में थे। उसके बाद समाजवादी पार्टी में आए थे और फिर 2017 के चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए थे। अब साथ में ही दोनों नेताओं ने भाजपा को छोड़कर एक बार फिर से सपा में जाने का फैसला लिया है।