युवाओं से बात करते हुए उन्होंने कहा, हमने भर्ती विधान निकाला है। इसके पीछे सोच क्या थी? यूपी में जहां भी जाती हूं, युवाओं के यही मुद्दे हैं कि हम युवाओं के लिए आप क्या करेंगी? उन्होंने कहा भर्तियों में युवा अपना समय खर्च करते हैं, मां बाप पैसे खर्च करते हैं, छात्र मेहनत करते हैं, लेकिन नियुक्तियां नहीं हो रही हैं। कभी घोटाला हो जाता है, कभी पेपर लीक हो जाता है, पासिंग ग्रेड बदल दिया जाता है। इस तरह छात्र प्रताड़ित हो रहे हैं। सबसे ज्यादा नौजवान यूपी में हैं, हर जगह नौजवान मुझसे पूछते हैं कि दीदी रोजगार के लिए क्या करेंगे, हमारा विकास नहीं हो रहा है, हमारे लिए सरकार क्या करेगी ? मैं ऐसे छात्रों से मिलती हूँ, जिन्होंने अपने जीवन के पांच साल, सात साल सरकारी नौकरी की तैयारी में निकाल दिए हैं। नियुक्तियां नहीं हो रही हैं, पेपर लीक हो रहा है, घोटाला हो जाता है। इसलिए हमने नौजवानों के लिए एक अलग विधान बनाया। अपने भर्ती विधान में हमने बताया कि हम 20 लाख नौकरियां देंगे कैसे। अगर एक नौजवान अपना बिजनेस शुरू करना चाहता है, तो उसकी सहायता कैसे करेंगे। नौकरियों की जो हालत है, उसे लेकर उत्तर प्रदेश में युवाओं का मानसिक स्वास्थ्य कैसे सही रहे, इसके लिए भी हमने प्रावधान किए हैं। प्रयागराज में मैं निषादों से मिली, तो पता चला कि नदी पर जो अधिकार होता था निषादों का, या उनको रोजगार मिलता था, अब उसपर उनका हक़ नहीं है।
भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस बार-बार कह रही है कि जातिवाद और सांप्रदायिक राजनीति से जनता का विकास नहीं होगा, लोगों को रोजगार नहीं मिलेगा। जो लोग 70 साल की बात कर रहे हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि आईआईटी, एम्स जैसे संस्थान कांग्रेस ने ही बनाए हैं। बीते साल साल में भाजपा सरकार ने बनाया तो कुछ नहीं, हाँ बेचा जरूर है। अब रेलवे का प्राइवेटाइजेशन करेंगे तो नौकरियां ख़त्म ही ही होगी। उन्होंने कहा लोकतंत्र में सबसे बड़ी शक्ति युवाओं के हाथ में ही है, उस शक्ति को युवा ठीक से समझेंगे और उसका उपयोग करेंगे तभी आगे बढ़ पाएंगे। देश में ऐसी राजनीति फ़ैल रही है, जो युवाओं को बहकाने का काम कर रही है। चुनाव के समय बात होनी चाहिए कि नौकरी कहाँ से देंगे, युवाओं, बच्चों की शिक्षा के लिए क्या करेंगे। भाजपा चुनाव के समय रोजगार की बात इसीलिए नहीं करती है क्योंकि न तो उसने कुछ किया और न ही उसका कुछ करने का इरादा है। उन्होंने कहा, उत्तर प्रदेश में नेता जान रहे हैं कि लोग पानी, नल, सड़क, विद्यालय की स्थिति को देखकर नहीं बल्कि जाति के आधार पर वोट दे रहे हैं। तो वह विकास की बातें क्यों करेंगे क्योंकि उन्हें पता कि वोट उन्हें मिलना है और जहां से वोट नहीं मिलने हैं, वहां डरा धमकाकर वोट मिल जाएगा।
एक युवा के साथ संवाद में उन्होंने कहा कि मुझे समझ नहीं आता है कि भाजपा सरकार को छात्रों से, अभ्यर्थियों से बात करने में क्या परेशानी है। इंदिरा के समय में जेएनयू में छात्र आंदोलन हुआ, वह छात्रों से मिलने गईं, वहां के छात्र संघ अध्यक्ष ने उन्हें अपनी मांगे पढ़कर सुनाई कि आप इस्तीफ़ा दो, आपको कुलाधिपति नहीं होना चाहिए, उन्होंने जेएनयू के कुलाधिपति पद से इस्तीफ़ा भी दिया। लेकिन आज सरकार क्या कर रही है ? छात्रों को धमकाया जा रहा है, पीटा जा रहा है, छात्रसंघ के चुनाव बंद कर दिए हैं। अहंकार से ग्रस्त इस सरकार को समझ नहीं आ रहा कि युवाओं को रोजगार देकर आप अहसान नहीं कर रहे बल्कि यह आपकी ड्यूटी है। युवा जब हक मांगते हैं, तो उन्हें पीटा जाता है। कांग्रेस के भर्ती विधान में हमने इसीलिए जॉब कैलेंडर बनाने की बात की है, ताकि समय से भर्तियां सुनिश्चित की जा सके। इसके उल्लंघन पर कार्रवाई के लिए हमने कानून बनाने की बात की है। साथ ही विशेष भर्ती आयोग बनाया जाएगा, जो पुराने लंबित मामलों में समाधान पेश करेगा।संवाद में युवाओं ने रोजगार मेले के नाम पर हो रही पर भी बात की, कहा कि कागजी रोजगार जमीनी स्तर पर विफल हैं। युवाओं को उनकी क्षमता के मुताबिक रोजगार देने के बजाय रोजगार मेले में कमतर आंकते हुए रोजगार के विकल्प दिए जाते हैं। इसपर युवाओं से बात करते हुए श्रीमती प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है युवाओं को सशक्त करना। आज का युवा मुफ्त में बैठकर नहीं खाना चाहता बल्कि कुछ करना चाहता है। कोई नहीं चाहता कि बस राशन दे दो, इससे युवा का भविष्य नहीं बनेगा। भाजपा सरकार नहीं चाहती है कि युवा सशक्त बनें।
युवाओं ने अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि युवाओं के लिए मुद्दा रोजगार होना चाहिए, लेकिन धर्म के नाम पर एक पूरी पीढ़ी को बर्बाद किया जा रहा है। इस पर प्रियंका गांधी ने युवाओं को बेरोजगार रखने से कुछ राजनैतिक दलों को फायदा हो रहा है। नकारात्मक राजनीति करने वाले लोग युवाओं के गुस्से का फायदा उठाते हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में हमारी सरकार आई तो शपथग्रहण के दो घंटे के अंदर किसानों का कर्ज माफ किया गया। इसी तरह यूपी में हमारी सरकार आएगी तो कर्जमाफी और खाली पद भरने के निर्णय तुरंत लिए जाएंगे। सरकार बड़े-बड़े विज्ञापनों में पैसा खर्च कर रही है। अखबार के एक पृष्ठ का विज्ञापन लाखों का होता है। अगर वही पैसे ढंग से इस्तेमाल हों तो बड़ी संख्या में रोजगार पैदा होंगे। ऐसा नहीं है कि सरकार के पास पैसे नहीं है। उसका इस्तेमाल सही नहीं हो रहा है। जनता को सरकार को जवाबदेह बनाना होगा।