लखनऊ (मानवी मीडिया) उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब आदि राज्यों की जनता में स्वतंत्र निष्पक्ष व शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव कराने के प्रति विश्वास को कायम करने के लिए यह बहुत जरूरी है कि चुनाव आयोग या अपने आदर्श चुनाव आचार संहिता को पूरी सख्ती से लागू कराने के लिए ठोस कार्रवाई अवश्य करें। क्योंकि पिछले कुछ वर्षों से चुनावों के दौरान हर प्रकार की धांधली करने तथा सत्ता और धर्म का चुनावी स्वार्थ के लिए अनुचित इस्तेमाल करने की प्रवृत्ति काफी घातक रूप में बढ़ी है इसको लेकर पूरा देश भी काफी चिंतित है। इतना ही नहीं बल्कि पिछले कुछ चुनाव में कोरोना के अति प्रकोप में भी जिस प्रकार से रैलियों व रोड शो आदि के जरिए चुनाव आचार संहिता का खुला उल्लंघन किया गया है उसे देख पूरा देश काफी हैरत में रह गया है। साथ ही पिछले कुछ वर्षों से चुनावों को विशेषकर धार्मिक रंग देकर जिस प्रकार से संकीर्ण राजनीति जारी है उसपर भी चुनाव आयोग को काफी सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
इन मामलों में पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की निष्पक्षता के साथ बिना भेदभाव के कानून के मुताबिक काम कराने को सुनिश्चित करने के लिए भी यह जरूरी है कि सरकारी मशीनरी में भी चुनाव आयोग का कानूनी खौफ जरूर कायम रहे तभी यहां चुनाव सही से संपन्न हो पाएंगे। हालांकि इस मामले में BSP खुद ही एक अनुशासित पार्टी है व आदर्श चुनाव आचार संहिता पर पूरी सख्ती से अमल करने की हिदायत अपनी पार्टी के सभी स्तर के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं आदि को हमेशा देती रहती है।
चुनाव को अपने देश में लोकतंत्र का खास त्यौहार माना जाता है। लोकतंत्र में आम जनता को एक व्यक्ति व एक वोट के मताधिकार के जरिए अपनी राय व्यक्त करने एवं सत्ता को जिम्मेदार बनाने का संवैधानिक व लोकतंत्र हत्यार चुनाव ही है।इस प्रकार इसमें किसी भी प्रकार की बाधा व अर्चन डालने की किसी को भी इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। यह सब चुनाव आयोग को जरूर देखना है लेकिन इसके साथ साथ अपनी पार्टी के बारे में यह इस संबंध में कहना चाहूंगी कि इस चुनाव में मुख्य चुनाव आयोग ने जो भी चुनाव आचार संहिता लागू की है उसको बहुजन समाज पार्टी पूरी ईमानदारी से पालन करेगी। चुनाव फ्री एंड फेयर होना चाहिए इस इसके लिए चुनाव आयोग से हमारा अनुरोध भी है। खासकर दलित व अन्य कमजोर वर्गों के लोग अति संवेदनशील को पोलिंग बूथों पर अपना मत डाल सके। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए चुनाव आयोग को काफी सख्त कदम उठाने पड़ेंगे। वरना इन वर्गों के लोग अपना वोट डालने से वंचित रह जाएंगे।
आज इस मौके पर यूपी की जनता से मैं यह कहना चाहूंगी यूपी की जनता यहां बेहतरीन कानून व्यवस्था तथा प्रदेश का संपूर्ण विकास एवं हर मामले में वह हर स्तर पर अपना उद्धार व उत्थान आदि करना चाहती है साथ ही प्रदेश में दलित, आदिवासी, पिछड़ा वर्ग, मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक समाज के लोग व सर्व समाज के गरीब, मजदूर नौजवान, बेरोजगार, किसान, व्यापारी, कर्मचारी एवं अन्य विभिन्न क्षेत्रों में लगे लोगों में साथ-साथ छात्र, युवा, महिलाएं और बुजुर्ग आदि भी अपना हित एवं अपना कल्याण चाहते हैं तो इस चुनाव में विरोधी पार्टियों के खास करके विभिन्न रूपों में जारी होने वाले प्रलोभन भरे चुनावी घोषणा पत्रों में ना फंसे। तथा ना ही अपना वोट किसी भी प्रकार की भावनाओं में बहकर करना है। बल्कि अपने हितों में आजमाई हुई अपनी पार्टी बीएसपी को ही अपना वोट देना है जिसकी कथनी और करनी में कभी भी कोई अंतर नहीं होता है जिसे यहां की जनता अच्छी प्रकार से जानती है।
बीएसपी ऐसी राजनीतिक पार्टी और मानवतावादी मूवमेंट भी है जो अपनी नीति व कार्यक्रमों में सर्व समाज के लोगों का विभिन्न क्षेत्रों में लगे विशेषकर गरीबों, मजदूरों, किसानों, व्यापारियों एवं मेहनतकश लोगों के हितों का भी पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी से ध्यान रखती है और खासकर अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था के मामले में लोगों की चाहत के हिसाब से काम नहीं करती और नहीं ही गलत करने वाले लोगों को छोड़ती है चाहे वह बीएसपी पार्टी में भी क्यों ना रहा हो । यही कारण है कि बीएसपी की सरकार में कानून द्वारा कानून का राज रहता है। जिसका मुकाबला अभी तक यहां किसी पार्टी की सरकार ने नहीं किया है। हर सरकार अपने पार्टी के अपराधिक तत्वों को बचाती है और केवल दूसरों के खिलाफ पक्षपात करके कार्यवाही करती है।जैसा यूपी में वर्तमान बीजेपी सरकार में भी काफी कुछ देखने को मिलता है। जिस कारण यहां अपराधियों का अभी भी जंगलराज चल रहा है और जनता पूरी तरह त्रस्त है। हर जाति हर वर्ग के लोग काफी दुःखी हैं और इस सरकार में खासकर अपर कास्ट समाज के एक तबके के लोग हैं जो सबसे ज्यादा दुःखी हैं। जिन्होंने पिछले चुनाव में बीजेपी को बढ़-चढ़कर वोट दिया है। आगामी चुनाव में बीजेपी अपनी सभी कमियों की वजह से सत्ता से जरूर बाहर हो जाएगी। भाजपा अगर चुनाव में सरकारी मशीनरीयों का गलत उपयोग नहीं किया तथा वोटिंग मशीनों में कुछ गड़बड़ी आदि नहीं की तो कभी जीत नही सकती। और हम चाहेंगे कि चुनाव आयोग इन सब मामलों में सख़्ती करें और पूरा ध्यान रखें।
प्रदेश में कुछ पार्टियां ऐसी भी हैं जो दूसरी पार्टियों के निकाले हुए लोगों के साथ अनेकों पार्टियों के साथ गठबंधन करके इस चुनाव में 403 में से 400 सीटें जीतने का सपना देख रही है। उनका यह सपना दिनांक 10 मार्च को टूट जाएगा जब बहुजन समाज पार्टी बहुमत के साथ अपनी सरकार बनाएगी। यही स्थिति हमें बीजेपी और व अन्य पार्टियों की देखने को मिलेगा।
बीएसपी ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो यूपी की जनता को "सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय" की नीतियों पर आधारित लोकप्रिय सरकार दे सकती है। ऐसे हमें उम्मीद है कि प्रदेश की जनता इस बार चुनाव में किसी भी पार्टी के बहकावे में आने वाली नहीं है और प्रदेश की जनता अपनी एकमात्र हितेषी पार्टी बीएसपी को ही चुनाव में जरूर जिताएगी चाहे इस चुनाव में सभी सर्वे एजेंसी, मीडिया मैनेज होकर बीएसपी को क्यों ना रेस से बाहर दिखाती रहें। ऐसे ही सन् 2007 में भी मीडिया एजेंसी और सर्वे एजेंसियों ने हमारे साथ भेदभाव किया था लेकिन जनता के प्यार और उनके वोटों ने बहुजन समाज पार्टी की बहुमत की सरकार बनाई थी। 2022 के चुनाव में भी यही होने वाला है कि जिसे रेस से बाहर दिखा रहे हैं वही रेस जीतेगी। बहुजन समाज पार्टी अकेले अपने दम पर ही पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी।
इसके साथ-साथ उत्तराखंड स्टेट में भी पहले से ज्यादा रिजल्ट लाएगी साथी पंजाब स्टेट में ही बीएसपी व शिरोमणि अकाली दल गठबंधन कर सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व में पूर्ण बहुमत की सरकार जरूर बनेगी जिन्हें प्रकाश सिंह बादल का पूरा आशीर्वाद प्राप्त है। और ऐसा हो जाने पर ही परम पूजनीय बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी के देहांत के बाद इनकी मूवमेंट को सही करके देने वाले कांशीराम का अधूरा सपना साकार होगा।
मैं आप लोगों को यह अवगत कराना चाहती हूं कि कल चुनाव घोषणा होने के बाद लखनऊ प्रदेश कार्यालय में उम्मीदवारों के फाइनल चयन करने को भी पार्टी के खास खास लोगों की बैठक भी बुलाई है। यह बैठक काफी अहम होगी -