नई दिल्ली (मानवी मीडिया): भारत निर्वाचन आयोग ने पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर शनिवार को बैठक की, जिसमें चुनावी रैली, रोड शो और जुलूस पर पाबंदी जारी रखने का बड़ा फैसला लिया गया। सूत्रों के अनुसार आयोग ने कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलो और कोरोना वैक्सीनेशन की स्थिति को देखते हुए फिलहाल चुनावी रैली में पाबंदी को आगे बढ़ाने का फैसला लिया। आयोग की इस बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त के अलावा सभी आयुक्त और उपायुक्त भी शामिल हुए थे। इसके अतिरिक्त पांचों राज्यों के मुख्य निर्वाचन आयुक्तों ने भी आयोग की बैठक में फैसला लिया।
सूत्रों का कहना है कि आयोग ने प्रचार के दूसरे तरीकों में कुछ छूट दी है। निर्वाचन आयोग चाहता है कि टीकाकरण का आंकड़ा और मजबूत हो। सूत्रों के मुताबिक पहले चरण का चुनाव प्रचार पिछले चुनावों की तरह अगर 72 घंटे पहले ही बंद होगा तो उससे संभवत: हफ्ते भर पहले छूट मिल सकती है। यानी आयोग लगाम में ढील तो देगा लेकिन लगाम हाथ में ही रखेगा।
चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक छोटी सभाएं, घर-घर संपर्क अभियान जैसी चीजों को लेकर छूट बढ़ाने पर भी बात हुई है। पाबंदियां लागू रखने के पीछे की वजह ये बताई जा रही है कि मणिपुर में टीकाकरण की सुस्त रफ्तार से आयोग असंतुष्ट है। पंजाब में भी टीकाकरण की रफ्तार बढ़ी तो है, लेकिन लक्ष्य तक पहुंचने में वक्त लगेगा। हालांकि गोवा, उत्तराखंड और यूपी में टीकाकरण और संक्रमण दोनों में काफी सुधार किया है।
गौरतलब है कि नौ जनवरी को पांचों राज्यों के चुनानी कार्यक्रम की घोषणा के दौरान 15 जनवरी तक रैली, नुक्कड़ सभाओं, पद यात्रा, साइकिल रैली पर पूरी तरह से बैन लगा दिया था। 15 जनवरी को समीक्षा करने के बाद आयोग ने इस पाबंदी को लागू रखा, लेकिन राजनीतिक दलों को थोड़ी राहत देते हुए बंद कमरे में अधिकतम 300 लोग या फिर कमरे की 50 प्रतिशत क्षमता के साथ सभा आयोजित करने की अनुमति दी थी।