पटना (मानवी मीडिया): बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें फिर बढ़ सकती हैं। डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में सीबीआई कोर्ट 15 फरवरी को फैसला सुनाएगी। शनिवार को चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले में बहस पूरी हो गई है। CBI कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है। 110 आरोपियों पर इस मामले में कोर्ट फैसला सुनाएगी। चारा घोटाले के दौरान डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपए की अवैध निकासी हुई थी।
अदालत ने लालू प्रसाद यादव समेत 102 आरोपियों को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने को कहा है। कई आरोपियों की मौत हो चुकी है, लेकिन कोर्ट में उनका मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं, जमा किया गया है, जिसके कारण उनका नाम अभी नहीं काटा गया है। कोर्ट ने ऐसे लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र हाजिर करने को कहा है।
मोटरसाइकिल से ढोए गए थे गाय-भैंस
बहुचर्चित चारा घोटाले में डोरंडा केस सबसे बड़ा मामला है। इसमें फर्जी आवंटन, फर्जी रसीद के जरिए अवैध निकासी की गई। लेकिन जांच के दौरान पता चला कि पशुओं की ढुलाई के लिए जिन गाड़ियों का इस्तेमाल किया गया था उनका नंबर स्कूटर, बाइक, ऑटो, जीप का था। आरोप है कि बिहार के तत्कालीन सीएम लालू प्रसाद यादव और तत्कालीन पशुपालन मंत्री ने सांठगांठ का राजस्व को फर्जी तरीके से निकाला।
डोरंडा कोषागार घोटाला 139.35 करोड़ रुपए की अवैध निकसी से जुड़ा है। इस मामले में पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव, जगदीश शर्मा, डॉ। आरके शर्मा, ध्रुप भगत, पांच IAS, 30 पशु चिकित्सक, छह अकाउंट व 56 आपूर्तिकर्ता शामिल है। लालू यादव इस मामले में मुख्य आरोपी हैं।