लखनऊ (मानवी मीडिया)उत्तर प्रदेश की गोरखपुर जेल में अब कोई भी गरीब बिना वकील की वजह से वहां नहीं है. दरअसल, गोरखपुर जेल में लीगल एड सेल बनाकर गरीब बंदियों को मुफ्त में वकील मुहैया कराया जा रहा है. ये वकील उन बंदियों के मुकदमों की कोर्ट में पैरवी कर रहे हैं. ताकि मुकदमें का निस्तारण हो और वे जमानत पर या निर्दोष साबित होने पर जेल से बाहर जा सकें. प्रशासन की इस पहल से अब उन लोगों की पैरवी भी हो सकेगी जो अपने लिए वकील हायर नहीं कर सकते. अगर आंकड़ों की मानें तो अबतक गोरखपुर जेल में बंद 18 बंदियों को अधिवक्ता दिलाया गया है.
सरकारी उठाती है गरीब की पैरवी का खर्चा
जानकारी के मुताबिक, कानून में नियम है कि अगर किसी बंदी या आरोपित के पास पैसे नहीं है कि वह वकील रख सके तो उसे सरकारी खर्च पर वकील मुहैया कराया जाए लेकिन अभी तक इसपर कोई अलग से सेल नहीं बना था. पर अब प्रदेश के गोरखपुर, अयोध्या, गोरखपुर, महराजगंज, इटावा आदि जेलों में भी यह लीगल एड सेल शुरू हो चुका है. जिसके अंतर्गत गरीब बंदियों को मुफ्त में अधिवक्ता व अन्य कानूनी मदद दी जा रही है ताकि मुकदमें का निस्तारण हो और वे जमानत पर या निर्दोष साबित होने पर जेल से बाहर जा सकें.
गोरखपुर जेल में की कंप्यूटर ऑपरेटर की तैनाती
अगर गोरखपुर जेल की बात करें तो इसके लिए जेल कैंपस में ही एक कमरे में कंप्यूटर आदि भी लगाया गया है. इस सेल मे एक कंप्यूटर ऑपरेटर की भी तैनाती हुई है. गोरखपुर जेल के जेलर प्रेम सागर शुक्ला का कहना है कि इस समय गोरखपुर जेल में कुल लगभग 2200 से ज्यादा बंदी हैं. इनमें से 1200 के करीब अंडर ट्रायल बंदी हैं. इनमे से गरीब बंदियों को लीगल एड सेल के जरिए मदद पहुंचाई जा रही है.