अबिगत अकथ अपार, नेति-नेति नित निगम कह’
अर्थात्, कुछ अनुभव इतने अलौकिक, इतने अनंत होते हैं कि उन्हें शब्दों से व्यक्त नहीं किया जा सकता।
बाबा केदारनाथ की शरण में आकर मेरी अनुभूति ऐसी ही होती है: प्रधानमंत्री बरसों पहले जो नुकसान यहां हुआ था, वो अकल्पनीय था।जो लोग यहां आते थे, वो सोचते थे कि क्या ये हमारा केदार धाम फिर से उठ खड़ा होगा? लेकिन मेरे भीतर की आवाज कह रही थी की ये पहले से अधिक आन-बान-शान के साथ खड़ा होगा: प्रधानमंत्री इस आदि भूमि पर शाश्वत के साथ आधुनिकता का ये मेल, विकास के ये काम भगवान शंकर की सहज कृपा का ही परिणाम हैं।
मैं इन पुनीत प्रयासों के लिए उत्तराखंड सरकार का, मुख्यमंत्री धामी जी का, और इन कामों की ज़िम्मेदारी उठाने वाले सभी लोगों का भी धन्यवाद करता हूँ: प्रधानमंत्री
शंकर का संस्कृत में अर्थ है- “शं करोति सः शंकरः”यानी, जो कल्याण करे, वही शंकर है।
इस व्याकरण को भी आचार्य शंकर ने प्रत्यक्ष प्रमाणित कर दिया।
उनका पूरा जीवन जितना असाधारण था, उतना ही वो जन-साधारण के कल्याण के लिए समर्पित थे: प्रधानमंत्री एक समय था जब आध्यात्म को, धर्म को केवल रूढ़ियों से जोड़कर देखा जाने लगा था।लेकिन, भारतीय दर्शन तो मानव कल्याण की बात करता है, जीवन को पूर्णता के साथ, holistic way में देखता है।
आदि शंकराचार्य जी ने समाज को इस सत्य से परिचित कराने का काम किया: प्रधानमंत्रीअभी दो दिन पहले ही अयोध्या में दीपोत्सव का भव्य आयोजन पूरी दुनिया ने देखा।
भारत का प्राचीन सांस्कृतिक स्वरूप कैसा रहा होगा, आज हम इसकी कल्पना कर सकते हैं: प्रधानमंत्रीअब हमारी सांस्कृतिक विरासतों को, आस्था के केन्द्रों को उसी गौरवभाव से देखा जा रहा है, जैसा देखा जाना चाहिए।
आज अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर पूरे गौरव के साथ बन रहा है, अयोध्या को उसका गौरव वापस मिल रहा है: प्रधानमंत्रीअब देश अपने लिए बड़े लक्ष्य तय करता है, कठिन समय सीमाएं निर्धारित करता है, तो कुछ लोग कहते हैं कि -इतने कम समय में ये सब कैसे होगा! होगा भी या नहीं होगा!
तब मैं कहता हूँ कि - समय के दायरे में बंधकर भयभीत होना अब भारत को मंजूर नहीं है: प्रधानमंत्री यहां पास में ही पवित्र हेमकुंड साहिब जी भी हैं।हेमकुंड साहिब जी के दर्शन आसान हों, इसके लिए वहां भी रोप-वे बनाने की तैयारी है: प्रधानमंत्री
चारधाम सड़क परियोजना पर तेजी से काम हो रहा है, चारों धाम हाइवेज से जुड़ रहे हैं।भविष्य में यहां केदारनाथ जी तक श्रद्धालु केबल कार के जरिए आ सकें, इससे जुड़ी प्रक्रिया भी शुरू हो गई है: प्रधानमंत्री उत्तराखंड ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जिस तरह का अनुशासन दिखाया, वो भी बहुत सराहनीय है।
भौगोलिक कठिनाइयों को पार कर आज उत्तराखंड ने, उत्तराखंड के लोगों ने 100 प्रतिशत सिंगल डोज़ का लक्ष्य हासिल कर लिया है।ये उत्तराखंड की ताकत है, सामर्थ्य है: