नई दिल्ली (मानवी मीडिया): भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सात नवंबर को एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक बुलायी है जिसमे अगले वर्ष की शुरुआत में होने जा रहे पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव, कोरोना टीकाकरण अभियान समेत समसामयिक मुद्दों को लेकर चर्चा की जाएगी। भाजपा के महासचिव अरुण सिंह ने शनिवार को संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी देते हुए बताया कि इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा , गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और प्रदेश भाजपा अध्यक्षों समेत तीन सौ से ज़्यादा नेता उपस्थित होंगे।
सिंह ने कहा कि कोरोना महामारी काल के दौरान ऐसा पहली बार होगा कि कार्यकारिणी की बैठक में सभी को उपस्थित होने के लिए कहा गया है। यह बैठक ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों माध्यमों से होगी। प्रत्यक्ष तौर पर 124 नेता बैठक में भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि सभी राज्य इकाइयों को भेजे पत्र में कहा है कि ‘कोविड प्रोटोकॉल के मद्देनजर, सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष, राज्य के संगठन महासचिव और उस संबंधित राज्य के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य अपने-अपने राज्य पार्टी कार्यालयों से डिजिटल रूप से इस बैठक में भाग लेंगे।
उन्होंने कहा कि कार्यकारिणी की बैठक नड्डा के अध्यक्षीय भाषण से शुरू होगी और प्रधानमंत्री मोदी के समापन भाषण के साथ समाप्त होगी। सिंह ने कहा कि बैठक में पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा की जाएगी। इसके अलावा कोविड टीकाकरण अभियान से निपटने के तौर तरीकों को लेकर कार्यकारिणी की बैठक में सरकार की सराहना की जाएगी। कोरोना काल मे अपनी जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी जाएगी।नड्डा के पार्टी अध्यक्ष का पदभार संभालने के बाद भाजपा कार्यकारिणी की यह पहली बैठक होगी। माना जा रहा है कि मोदी अगले वर्ष उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देंगे। बैठक में विकास और जनकल्याण से जुड़ी नीतियों और सफल विदेश यात्रा को लेकर मोदी की सराहना किये जाने की संभावना है। महामारी के कारण गिरावट के बाद पिछले महीने रिकार्ड जीएसटी संग्रह के साथ आर्थिक गतिविधियों के पटरी पर लौटने के बारे में भी चर्चा होने की संभावना है।
भाजपा का नेतृत्व इस बैठक में पश्चिम बंगाल से जुड़े सियासी मामलों की भी समीक्षा की जा सकती है, जहां 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी का प्रदर्शन नीचे गिर रहा है। वहीं हाल के उपचुनाव में हिमाचल प्रदेश और राजस्थान में भाजपा के खराब प्रदर्शन की भी समीक्षा की जा सकती है। हाल ही में 13 राज्यों की 29 विधानसभा सीटों एवं 3 लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के परिणामों पर निराशाजनक प्रदर्शन से भाजपा की चिंता बढ़ गयी है।