नई दिल्ली (मानवी मीडिया): भारतीय रिजर्व बैंक ने महाराष्ट्र के बाबाजी दाते महिला सहकारी बैंक पर कारोबारी पाबंदियां लगा दी हैं। इस सख्ती के बाद अब ग्राहकों द्वारा 5,000 रुपए से अधिक की निकासी पर रोक लगा दी गई है। बता दें कि आरबीआई ने पिछले कुछ समय से सहकारी बैंकों के खिलाफ लगातार कठोर नीति अपनाई हुई है।
आरबीआई ने इस संबंध में जारी एक बयान में कहा कि पाबंदियों के लागू होने के बाद बैंक 8 नवंबर 2021 को अपना कारोबार खत्म होने के बाद से नए लोन नहीं जारी कर सकता है। इसके साथ ही बिना भारतीय रिजर्व बैंक की पूर्व मंजूरी के बैंक कोई नई जमा राशि स्वीकार नहीं कर सकता है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि कोई भी जमाकर्ता पाबंदी के बाद इस बैंक के अपने खाते से 5,000 रुपए से अधिक राशि नहीं निकाल सकता है।
केंद्रीय बैंक ने सहकारी बैंक की वित्तीय स्थिति के बिगड़ने के बीच यह कदम उठाया है। रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 के तहत प्रतिबंध आठ नवंबर, 2021 को कारोबार बंद होने से छह महीने तक लागू रहेंगे और समीक्षा के अधीन हैं। यानी यवतमाल का यह सहकारी बैंक अब रिजर्व बैंक की मंजूरी के बिना कोई भुगतान नहीं कर सकता और ना ही कोई ऋण या अग्रिम दे सकता है।
आरबीआई की ओर से बताया गया कि जिन ग्राहकों के खाते से लोन की किस्त कटती हैं, उन्हें शर्तों के तहत इसके सेटलमेंट की इजाजत दी जा सकती है। इसके साथ ही बैंक ने साफ शब्दों में कहा कि बैंक पर लागू की कई इन पाबंदियों को बैंकिंग लाइसेंस रद्द होने के रूप में नहीं देखा चाना चाहिए। बैंक अपनी वित्तीय सेहत में सुधार होने तक पाबंदियों के साथ बैंकिंग कारोबार करना जारी रखेगा। साथ ही, रिजर्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर समय-समय पर इन निर्देशों में संशोधन पर विचार कर सकता है।