लखनऊ (मानवी मीडिया) बसपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्र की धर्मपत्नी कल्पना मिश्रा के नेतृत्व में महिला सम्मेलन का कार्यक्रम आयोजित किया गया । इस कार्यक्रम में संतोष मिश्रा (जाफराबाद प्रत्याशी),महंत अवधेश चंद्र भारद्वाज अरुण कुमार पाठक (मुख्य सेक्टर संयोजक वाराणसी एवं आजमगढ़ मंडल),रचना त्रिपाठी और अरुण द्विवेदी कल्पना मिश्र के साथ मंच पर मौजद रहे ।
कल्पना मिश्रा ने सरकार पर किया हमला.......
..गृह मंत्री झूठ बोलते हैं कि उत्तर प्रदेश में महिलाएं सुरक्षित हैं और लड़कियां गहने लादकर स्कूटी पर रात दो बजे घर से निकल जाती हैं। कहाँ है महिला सुरक्षित ?
आपने सुना की अयोध्या में काम करने वाली हमारी लखनऊ की बेटी श्रद्धा गुप्ता के साथ क्या हुआ। उसको एक आईपीएस अधिकारी इतना प्रताड़ित करने लगा की उस बेटी के पास जान देने के अलावा कोई विकल्प नहीं रहा।
वो बेटी तो अयोध्या नौकरी करने गई थी अपने परिवार की देखभाल के लिये अपने घर से दूर दिन रात मेहनत कर रही थी। उसको क्या पता था कि भाजपा सरकार में रक्षक ही भक्ष्क बन जाते हैं। अधिकारियों को ये सरकार खुली छूठ दे देती है कि जिसका एनकाउंटर करना है करो जिसका शोषण करना है करो जिसको प्रताड़ित करना पड़े करो। सबको डरा-धमका के रखो।
आप मत भूलिए उन्नाव का काण्ड जहाँ सरकार के विधायक ही लड़की के साथ दुष्कर्म करते हैं। इनको सत्ता मिल जाती है तो ये जनता को अपना गुलाम समझ लेते हैं।
हाथरस काण्ड ने तो पूरे प्रदेश का नाम शर्मसार कर दिया है। एक दलित बच्ची के साथ दुष्कर्म होता है तो उस मामले को दबाने की कोशिश की जाती है लेकिन जैसे ही घटना तूल पकड़ती है तो शासन-प्रशासन ने इतनी घिनौनी हरकत कर दी कि सबकी रूह काँप गई। उसी मृतक बच्ची के शव को रात 3 बजे पेट्रोल डालकर जला दिया गया। परिवार अपने बच्ची का अंतिम दर्शन तक नहीं कर सका।
भाजपा हिन्दू धर्म के ठेकेदार बनते हैं तो इनको ये नहीं पता की शव का अंतिम संस्कार परिवार के लोग करते हैं और रात को शव कभी नहीं जलाया जाता। भाजपा के लोग सत्ता लोभी है ये कुर्सी पाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं इनके अंदर इंसानियत नाम की कोई चीज नहीं।
आज कांग्रेस की प्रियंका गाँधी वाड्रा को महिलाओं,दलितों और शोषित समाज की याद आने लगी। ये याद इनको इसलिए आ रही है कि उत्तर प्रदेश में चुनाव होने वाले हैं। कांग्रेस शासित प्रदेश राजस्थान में आये दिन दलितों के साथ उत्पीड़न हो रहा है ,उनके साथ बर्बरता की जा रही है ,मार डाला जा रहा है लेकिन प्रियंका गाँधी,राहुल गाँधी और कांग्रेस को उनका दुःख दर्द नहीं दिख रहा है।
प्रियंका गांधी एक बार भी राजस्थान नहीं गई लेकिन उत्तर प्रदेश में चुनाव है, तो इसलिए यहाँ के मुद्दों पर वो बार-बार दिल्ली से आ जाती हैं।
प्रियंका गाँधी का ये सब चुनावी स्टंट है और कुछ नहीं।
बहन ने हमेशा से महिलाओं की सुरक्षा और उनके हित में काम किया है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए बेहतर कानून व्यवस्था करने का काम किया गया था।
कोरोना काल की तस्वीर जब भी मेरे सामने आती है या बात होती है तो मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं।किस तरह लोग सड़कों पर चीख रहे थे। अपने घर नहीं जा पा रहे थे। अस्पताल ,ऑक्सीजन के बिना दम तोड़ दे रहे थे। लाशों को दफनाने और जलाने के लिए जगह नहीं थी। नदियों में लाशें बह रही थी। इनके इन अव्यवस्थाओं को याद रखियेगा और 2022 चुनाव में मुहतोड़ जवाब दीजियेगा।
2007 से 2012 तक प्रदेश में महिलाएं आराम से दो-दो बजे घरों से बाहर निकलकर कहीं भी जा सकती थी। सभी थानों पर सख्त हिदायत दी गई थी की अगर कोई भी महिला फरियादी आये तो उनकी समस्याओं को सबसे पहले सुना जाए और उसका निष्तारण किया जाए।
सभी पार्टियां चुनाव के समय अपना मेनिफेस्टो छपवाती है और झूठे वादों से पन्ने भरने का काम करती है। जैसे ही भाजपा,सपा,कांग्रेस चुनाव जीत जाती है तो उन वादों और मेनिफेस्टो से ठंडक में हाथ सेकने का काम करती है। क्योंकि उन मेनिफेस्टो में लिखे एक भी वादे पूरे नहीं करते ये लोग। बहन जी की बात ही उनका मेनिफेस्टो है। वो काम करती हैं प्रचार नहीं।
मैं आपको बस इसलिए ये सब याद दिला रही हूँ की इनके शोषण को आप भूलिए मत। ये सत्ता में आएंगे तो प्रदेश और देश को बड़े-बड़े पूंजीपतियों के हाथों में बेच देंगे और हम आप फिर गुलाम बन जायेगे