लखनऊ (मानवी मीडिया) लखनऊ बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कृषि कानूनों की वापसी को लेकर काफी लंबे समय से अर्थात लगभग 1 वर्ष से सर्दी,गर्मी व बरसात आदि की मार झेलते हुए अपने आंदोलन पर डटे रहने वह उनमें से कुछ किसानों के शहीद हो जाने का बलिदान अंत में रंग लाया।
केंद्र सरकार ने उन विवादित कानूनों को अति देर से वापस लेने की घोषणा की जबकि यही फैसला बहुत पहले ले लेना चाहिए था।
केंद्र सरकार यदि ये फैसला काफी पहले ले लेती तो देश अनेकों प्रकार के झगड़ों,झंझट आदि से बच जाता।
लेकिन अभी भी किसानों को उनकी उपज का समर्थन मूल्य देने संबंधी राष्ट्रीय कानून बनाने की खास मांग भी इनकी अधूरी पड़ी है।
जिसके लिए बीएसपी की मांग है कि केंद्र सरकार आने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में इस संबंध में कानून बनाकर किसानों की इस मांग को भी जरूर स्वीकार करें। इतना ही नहीं बल्कि बीएसपी की शुरू से यह मांग रही है कि खासकर खेती किसानी व किसानों के मामले में कोई भी नया कानून बनाने से पहले उनसे सलाह व परामर्श आदि जरूर करना चाहिए ताकि किसी भी गैर जरूरी विवाद से देश को व राज्यों को बचाया जा सके।
एक बार फिर से देश के किसानों को उनके संघर्ष के जरिए इस जीत को हासिल करने के लिए उन्हें में तहे दिल से हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देती लेकिन आज मैं खासतौर से केंद्र की सरकार से यह भी कहना चाहूंगी कि किसानों के इस आंदोलन के दौरान जो किसान शहीद हो गए हैं उनके परिवार को उचित आर्थिक मदद दे व उनके परिवार में से किसी सदस्य को सरकारी नौकरी दे यह भी हमारी पार्टी की केंद्र सरकार से मांग है।
जब उन्होंने तीन कृषि कानून वापस ले लिए तो तो हमारी पार्टी की इस मांग को भी स्वीकार कर लेना चाहिए साथ ही आज कार्तिक पूर्णिमा पर्व व गुरु नानक देव की जयंती की सभी देशवासियों को मैं बधाई एवं शुभकामनाएं देती हूं धन्यवाद।