उच्च न्यायालय, इलाहाबाद के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गोविन्द माथुर आज उत्तर प्रदेश राज्य लोक सेवा अधिकरण इंदिरा भवन के सभागार में राज्य लोक सेवा अधिकरण के 47वें स्थापना दिवस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 47 वर्ष पूर्ण कर अधिकरण एक परिपक्व संस्था के रूप में उभर कर सामने आया है। यहां का बार कठिन से कठिन परिस्थितियों में विचलित हुए बगैर अपनी बात को रखने में सक्षम है, जो न्यायपालिका की सुरक्षा एवं संरक्षा की गारंटी है। उन्होंने राज्य लोक सेवा अधिकरण की स्मारिका ष्श्रने छंजनतंसमष् का विमोचन भी किया। न्यायमूर्ति ने स्थापना दिवस की ढे़र सारी बधाई भी दी। उच्च न्यायालय लखनऊ खण्ड पीठ, लखनऊ के न्यायमूर्ति डी0के0 उपाध्याय ने अपने सम्बोधन में आज के परिवेश में अधिकरण की महत्ता पर विशेष बल दिया। मा0 उच्च न्यायालय तेलंगाना की न्यायमूर्ति जी0 श्रीदेवी ने अपने सम्बोधन में उ0प्र0 में कार्यकाल के दौरान के अनुभव व अधिकरण की कार्य प्रणाली साझा की।
उ0प्र0 राज्य लोक सेवा अधिकरण के अध्यक्ष, न्यायमूर्ति सुधीर कुमार सक्सेना ने मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों को अंग वस्त्र, तुलसी का पौधा एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। उन्होंने बताया कि इस अधिकरण की स्थापना 24 नवम्बर, 1975 में की गयी थी। अधिकरण का मुख्य उद्देश्य लोक सेवकों के सेवा सम्बंधी मामलों का त्वरित निस्तारण करते हुए उन्हें उचित न्याय उपलब्ध कराना है।
कार्यक्रम का संचालन हिमांशु शेखर पाण्डेय पुस्तकालय अध्यक्ष राज्य लोक सेवा अधिकरण तथा धन्यवाद ज्ञापन जी0वी0 शर्मा, सदस्य (न्यायिक) द्वारा किया गया।
इस अवसर पर राज्य लोक सेवा अधिकरण के उपाध्यक्ष (प्रशासनिक) रोहित नन्दन एवं समस्त सदस्यगण, निबंधक सर्वेश कुमार पाण्डेय, संयुक्त निबंधक (न्यायिक) स्वतंत्र प्रकाश सहित वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी एवं अधिवक्ता तथा कर्मचारीगण उपस्थित रहे।