मुंबई (मानवी मीडिया): मुंबई की एक विशेष पीएमएलए अदालत ने मंगलवार को धन शोधन मामले में गिरफ्तार महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की हिरासत 06 नवंबर तक प्रवर्तन निदेशालय को सौंपी है। केंद्रीय एजेंसी ने देशमुख से सोमवार को 13 घंटे से अधिक पूछताछ की थी और सुबह उन्हें गिरफ्तार किया था। पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा उनके उपर लगाये गये 100 करोड़ रुपये की जबरन वसूली मामले में सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय ने उनसे पूछताछ की थी। इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि वह खुद की मर्जी से एजेंसी के सामने पेश हुये क्योंकि वह कानून का सम्मान करते हैं।
धन शोधन का यह मामला महाराष्ट्र पुलिस प्रतिष्ठान में कथित वसूली गिरोह से जुड़ा है। ईडी कार्यालय में रात बिताने के बाद देशमुख को सुबह करीब सवा 10 बजे अस्पताल ले जाया गया था। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से भ्रष्टाचार और आधिकारिक पद का दुरुपयोग करने के मामले में 21 अप्रैल को देशमुख के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के बाद ईडी ने पूर्व मंत्री और उनके साथियों के खिलाफ जांच शुरू की थी।
अनिल देशमुख पर लगा यह आरोप
ईडी के अनुसार, राज्य के गृह मंत्री के रूप में सेवाएं देते हुए, देशमुख ने अपने पद का कथित तौर पर दुरुपयोग किया और बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के जरिए मुंबई में विभिन्न ‘बार’ और रेस्तरां से 4.70 करोड़ रुपये वसूले थे। देशमुख के परिवार की ओर से नियंत्रित नागपुर स्थित एक शैक्षणिक न्यास, ‘श्री साईं शिक्षण संस्थान’ में इस पैसे का कथित तौर पर इस्तेमाल किया गया। देशमुख ने अपने ऊपर लगे आरोपों को लगातार खारिज करते हुए कहा कि एजेंसी का पूरा मामला एक दागी पुलिस वाले (वाजे) के दुर्भावनापूर्ण दिए बयानों पर आधारित है।