नई दिल्ली (मानवी मीडिया): अगर आप डिजिटल भुगतान करते हैं और इसमें खामियों को पकड़कर सुधार करने का माद्दा रखते हैं तो आप 40 लाख रुपये जीत सकते हैं। यह कोई लॉटरी नहीं, बल्कि आपकी प्रतिभा का ईनाम है और इसे देगा भारतीय रिजर्व बैंक। दरअसल भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) डिजिटल भुगतान को अधिक सुरक्षित एवं उपभोक्ताओं के लिए सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से अपना पहला वैश्विक हैकथॉन आयोजित करने जा रहा है।
आरबीआई ने मंगलवार को इस हैकथॉन की घोषणा करते हुए कहा कि डिजिटल भुगतान को अधिक चुस्त-दुरुस्त बनाना इसकी विषयवस्तु रखी गई है। हार्बिंजर 2021 नाम के इस हैकथॉन के लिए पंजीकरण 15 नवंबर से शुरू होंगे। केंद्रीय बैंक ने कहा कि हैकथॉन में शामिल होने वाले प्रतिभागियों को डिजिटल भुगतान की पहुंच वंचित तबके तक करने, भुगतान को सरल बनाने एवं इससे जुड़े अनुभव को बेहतर करने के साथ ही डिजिटल भुगतान को अधिक सुरक्षित बनाने से जुड़़े मुद्दों की पहचान करने के साथ उनके समाधान पेश करने होंगे।
आरबीआई ने बयान में कहा कि हार्बिंजर 2021' का हिस्सा बनने से प्रतिभागियों को उद्योग के जानकारों का मार्गदर्शन हासिल करने और अपने innovative solutions दिखाने का मौका मिलेगा। एक ज्यूरी हरेक वर्ग में विजेताओं का चयन करेगी। पहला स्थान पाने वाले को 40 लाख रुपये दिए जाएंगे जबकि, दूसरे स्थान पर रहने वाले प्रतिभागी को 20 लाख रुपये का ईनाम मिलेगा।
सिर्फ 14,500 रुपए निवेश करके बना सकते हैं 23 करोड़ रुपए का फंड, जानिए कैसे? –
कोविड-19 महामारी के कारण अनिश्चितताओं की वजह से न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में मुद्रा नोटों यानी नकदी की मांग में वृद्धि हुई है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने हालांकि उस आलोचना को खारिज कर दिया कि नोटबंदी अर्थव्यवस्था में नकदी को कम करने में विफल रही है।
सरकारी सूत्रों ने कहा कि नोटबंदी के बाद डिजिटल भुगतान प्रणाली के विकास से अंततः नकदी पर निर्भरता पर अंकुश लगेगा। आधिकारिक आंकड़े प्लास्टिक कार्ड, नेट बैंकिंग और यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) सहित विभिन्न तरीकों से डिजिटल भुगतान में उछाल की ओर इशारा करते हैं। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) का यूपीआई प्रणाली देश में भुगतान के एक प्रमुख माध्यम के रूप में तेजी से उभर रहा है। यूपीआई को 2016 में लॉन्च किया गया था और इसके जरिये लेन-देन महीने-दर-महीने बढ़ रहा है।
बंद नहीं हुआ है 50 पैसे का सिक्का, 2000 रुपए के नोट को लेकर भी आया
अक्टूबर 2021 में, मूल्य के संदर्भ में लेनदेन 7.71 लाख करोड़ रुपये या 100 अरब डॉलर से अधिक था। अक्टूबर में यूपीआई के जरिए कुल 421 करोड़ लेनदेन किए गए। सूत्रों ने यह भी बताया कि अमेरिका में भी, कुल नकदी लेनदेन 2020 के अंत तक 2.07 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गई, जो एक साल पहले की तुलना में 16 प्रतिशत अधिक है और यह 1945 के बाद से एक साल की सबसे बड़ी प्रतिशत वृद्धि भी है।
सूत्रों ने बताया कि आर्थिक अनिश्चितता की अवधि के दौरान नकदी की मांग हमेशा बढ़ती है और चूंकि नकदी संपत्ति का सबसे तरल रूप है, इसलिए भारी अनिश्चितता की अवधि के दौरान नकदी में वृद्धि की उम्मीद रहती है। महामारी के दौरान नकदी की मांग में वृद्धि एक विश्वव्यापी घटना रही है।