टोक्यो (मानवी मीडिया)-यहां एक घटना ने लापरवाही की वो उदाहरण पेश की है जिसने सबके होश फाख्ता कर दिए हैं। यह घटना एक अस्पताल में 30 साल से घटित हो रही थी लेकिन किसी को पता ही नहीं चला। दरअसल अस्पताल में गलती से शौचालयों के लिए उपचारित पानी को पेयजल के रूप में इतने सालों से सप्लाई किया जा रहा था और उसे लोग पेयजल समझ कर पी भी रहे थे। ओसाका यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स और अस्पताल के वाइस प्रेसिडेंट काजुहिको नकातानी ने इस मामले में माफी मांगी थीहै
अस्पताल ओसाका विश्वविद्यालय में स्थित है और इसका भवन मेडिसीन फैकल्टी से जुड़ा हुआ है। ये पानी 120 नलों तक पहुंच रहा था। इसका इस्तेमाल पीने के पानी, हाथ धोने और यहां तक कि गरारे करने के लिए भी किया जाता था। दरअसल 1993 में जब अस्पताल का निर्माण हुआ था कि तब पाइप को जोड़ने में आई खराबी की वजह से समस्या पैदा हुई। तभी गलती से सीवरेज के पाइप को पेयजल वाली पाइप से जोड़ दिया गया। ये मामला तब उजागर हुआ, जब अस्पताल प्रबंधन ने एक नए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण आरंभ किया। इससे पहले तक किसी ने भी इस तरफ ध्यान नहीं दिया और इसके संबंध में किसी को जानकारी भी नहीं थी। नए प्लांट के निर्माण के दौरान किए गए निरीक्षण में इस घटना का पता चला