वॉशिंगटन (मानवी मीडिया): फेसबुक ने मंगलवार को घोषणा की कि वो यूजर्स और रेगुलेटर्स की बढ़ती चिंता के बीच अपने फेस रिकग्निशन सिस्टम को बंद करने जा रहा है। फेसबुक जिसकी पेरेंट कंपनी का नाम अब मेटा हो गया है उसने कहा कि इस नए बदलाव को आने वाले हफ्तों में रोलआउट किया जाएगा।
नए बदलाव के तहत कंपनी लोगों को फोटो और वीडियो में टैग करने के लिए फेशियल रिकग्निशन एल्गोरिदम का इस्तेमाल बंद कर देगी। साथ ही कंपनी लोगों को आइडेंटिफाई करने के लिए इस्तेमाल में लाए जाने वाले फेशियल रिकग्निशन टेम्पलेट को भी डिलीट कर देगी।
कंपनी ने कहा कि कंपनी इस नए बदलाव के तहत 1 अरब से ज्यादा लोगों के इंडिविजु्ल फेशियल रिकग्निशन टेम्पलेट्स को डिलीट करेगी। कंपनी ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि फेसबुक के डेली एक्टिव यूजर्स में से एक तिहाई से ज्यादा या 600 मिलियन से ज्यादा अकाउंट्स फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी को यूज करते हैं। पोस्ट के मुताबिक, फेसबुक अब फोटो या वीडियो में ऑटोमैटिकली लोगों के चेहरों को पहचान नहीं पाएगा।
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हालांकि, इस नए बदलाव से ऑटोमैटिक ऑल्ट टेक्स्ट टेक्नोलॉजी पर भी असर पड़ेगा। इसका इस्तेमाल कंपनी ब्लाइंड लोगों को इमेज डिस्क्राइब करने के लिए करती है। फेस रिकग्निशन सिस्टम पर डिपेंड फेसबुक सर्विसेज को आने वाले हफ्तों में हटा दिया जाएगा।
कंपनी ने कहा कि सोसाइटी में फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी को लेकर कई चिंताएं हैं और रेगुलेटर्स अभी भी इसके यूज को कंट्रोल करने वाले नियमों का एक क्लियर सेट देने के प्रोसेस में हैं। इस जारी अनिश्चितता के बीच, हम मानते हैं कि रिकग्निशन टेक्नोलॉजी को इस्तेमाल के मामलों के एक नैरो सेट तक सीमित करना सही रहेगा।