मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर आयोजित एक प्रेसवार्ता में मीडिया प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की अनुकम्पा से अब यह मूर्ति उत्तर प्रदेश सरकार को प्राप्त हो रही है। भारत की विरासत के प्रति प्रधानमंत्री के इस योगदान के लिए आभार जताते हुए उन्होंने कहा कि 11 नवम्बर, 2021 को गोपाष्टमी के अवसर पर नई दिल्ली में प्रदेश सरकार द्वारा यह मूर्ति भारत सरकार से प्राप्त कर राज्य सरकार के मंत्री सुरेश राणा एवं पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ0 नीलकंठ तिवारी के नेतृत्व में चार दिवसीय भव्य शोभा यात्रा के माध्यम से काशी ले जायी जाएगी। उन्होंने कहा कि मान्यता है कि बाबा विश्वनाथ जी को अन्न ग्रहण करवाने का काम माँ अन्नपूर्णा करती हैं। इस कारण काशी विश्वनाथ धाम में और वहां पर आने वाले हर एक श्रद्धालु को प्रसाद मिलता है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि भारत सरकार से 11 नवम्बर, 2021 को मूर्ति को प्राप्त करने के बाद शोभा यात्रा गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, बुलन्दशहर, अलीगढ़ और हाथरस होते हुए कासगंज के सूकर क्षेत्र यानी सोरांे तीर्थ स्थल पहुंचेगी। यहां पर प्रथम रात्रि विश्राम होगा। 12 नवम्बर, 2021 को सोरांे से प्रारम्भ होकर यह शोभा यात्रा एटा, मैनपुरी, कन्नौज, कानपुर नगर में माँ तपेश्वरी देवी मन्दिर, पटकापुर पहुंचेगी। यहां इस मूर्ति को रखा जाएगा। यहां रात्रि विश्राम होगा। 13 नवम्बर, 2021 को कानपुर नगर से चल करके उन्नाव, लखनऊ, बाराबंकी होते हुए माँ अन्नपूर्णा की यह मूर्ति अयोध्या श्रीराम जन्मभूमि पहुंचेगी। रात्रि विश्राम अयोध्या में रहेगा। 14 नवम्बर, 2021 को अयोध्या, सुलतानपुर, प्रतापगढ़, जौनपुर होते हुए मूर्ति को लेकर शोभा यात्रा चौथे दिन अपराह्न वाराणसी में काशी विश्वनाथ मन्दिर में पहुंचेगी। माँ अन्नपूर्णा की मूर्ति एवं शोभा यात्रा की अलग-अलग जनपदों में वहां के प्रभारी मंत्री आगवानी करेंगे। 15 नवम्बर, 2021 को देवोत्थान एकादशी के अवसर पर काशी में बाबा विश्वनाथ धाम में माँ अन्नपूर्णा की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा होगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयास से भारत की विरासत को वैश्विक मंच पर विशिष्ट स्थान प्राप्त हुआ है। प्रधानमंत्री के प्रयासों से वर्तमान में दुनिया में 21 जून की तिथि अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनायी जा रही है। 200 से अधिक देश इस आयोजन में सहभागी बनते हैं। इसी प्रकार प्रयागराज कुम्भ के आयोजन को वैश्विक मान्यता प्राप्त हुई है। इस सदी की सबसे बड़ी महामारी कोविड-19 के दौरान दुनिया में आयुष को, विशेषकर भारत की परम्परागत आरोग्यता पद्धति आयुर्वेद को मान्यता मिली है। उन्होंने कहा कि 100 वर्ष पहले भारत की एक धरोहर चोरी हुई थी, प्रधानमंत्री मोदी के प्रयास से वह भारत को वापस प्राप्त हुई है। ऐसे ही, अन्य अनेक ऐसी कृतियां हैं, जिन पर भारत सरकार के स्तर पर कार्य चल रहा है।
प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जी0 किशन रेड्डी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से माँ अन्नपूर्णा की मूर्ति कनाडा से भारत लाने में सफलता मिली है। 15 अक्टूबर, 2021 को यह मूर्ति संस्कृति मंत्रालय, नई दिल्ली आयी है। प्रधानमंत्री की इच्छा थी कि यह मूर्ति वाराणसी के जिस स्थान से कनाडा गयी थी, उसी स्थान पर पुनः प्रतिष्ठित की जाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदरपूर्वक मूर्ति को वाराणसी ले जाने का निर्णय लिया है। 11 नवम्बर, 2021 को एक भव्य कार्यक्रम में माँ अन्नपूर्णा की मूर्ति उत्तर प्रदेश को सौंपी जाएगी।
केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि ब्रिटिश काल व उसके बाद भी देश की बहुत सी धरोहरें, मूर्तियां, पेंटिंग्स, कलाकृतियां विदेशों में यथा सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, यूनाइटेड किंगडम, बेल्जियम आदि गयीं। इन धरोहरों को वापस लाने के प्रयास विदेश मंत्रालय व संस्कृति मंत्रालय के अन्तर्गत किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री जी के कार्यकाल में वर्ष 2014 के बाद अब तक 42 धरोहरों की देश में वापसी हो चुकी है। 157 मूर्तियों, पेंटिंग्स आदि को विदेशों में चिन्हित कर वापस लाने के सम्बन्ध में कार्यवाही की जा रही है।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव गृह एवं धर्मार्थ कार्य अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एम0एस0एम0ई0 नवनीत सहगल, सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।