लखनऊः( मानवी मीडिया)राजभवन के गांधी सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से आज प्रांतीय सिविल सेवा 2016 के शेष तथा 2018 बैच के 96 परिवीक्षाधीन अधिकारियों ने मुलाकात की। इस अवसर पर परिवीक्षाधीन अधिकारियों को सम्बोधित करते हुये राज्यपाल ने कहा कि आज आप अपना व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने-अपने तैनाती क्षेत्र में जा रहे हैं। सरकार तथा आम आदमी की आपसे बहुत अपेक्षाएं हैं, आपका दायित्व है कि आप अपनी जिम्मेदारी को समझें और सेवा भाव से कार्य करें। उन्होंने कहा कि आपका प्रयास होना चाहिये फरियादी आपके पास से निराश होकर न जायें।
राज्यपाल जी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यों की विविधता है केन्द्र तथा राज्य सरकार ने सभी वर्गों के लिये योजनायंे संचालित की हैं जिनका सफल क्रियान्वयन आपको करना है ताकि ग्रामीणों को उनका लाभ मिल सके। राज्यपाल जी ने सुझाव दिया कि आप लोग गांव में चौपाल लगायें, आंगनवाड़ी केन्द्रों को सुविधा सम्पन्न बनाये, देश को टी.बी. मुक्त बनाने हेतु क्षय रोग ग्रसित बच्चों को गोद लें, सामाजिक बुराइयों यथा दहेज, बाल-विवाह को रोकें, ग्रामीणों की समस्याओं के निराकरण हेतु जनता दरबार लगाये ऐसा करने से ग्रामीण बिना किसी भय के आपसे जुडंे़गे तथा उनकी समस्याओं का निराकरण होगा। उन्होेंने कहा कि यदि आपके द्वारा कोई कार्य योजना बनाई जाती है तो उसके हर पहलू पर ध्यान दें ताकि उसमे बार-बार संशोधन न करना पड़े। आपको जनता की सेवा का अवसर मिला है इसलिए पूरी सेवा भाव से जनता की सेवा करें।
उत्तर प्रदेश प्रशासन एवं प्रबंधन अकादमी, लखनऊ के महानिदेशक एल. वेंकटेश्वर लू ने कहा कि जीवन में श्रेष्ठता के लिये संघर्ष चल रहा है। मा0 प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में श्रेष्ठता के लिये देश अमृत महोत्सव मना रहा है। श्रेष्ठता के लिये राम राज्य की कल्पना और उस आदर्श को प्राप्त करने हेतु आदर्श राज्य की स्थापना करना हम सभी का कर्तव्य हैै। उन्होंने कहा कि श्रेष्ठता का कार्य केवल बातों से नही मिलता। इसके लिये हमे श्रेष्ठ लोगों के मार्गदर्शन तथा कार्यों को गम्भीरता के साथ उस दिशा में करना होगा तभी अमृत महोत्सव की सार्थकता होगी।इस अवसर पर प्रशिक्षु अधिकारियों ने परिवीक्षा अवधि में किये गये कार्यों तथा उनसे प्राप्त अनुभवों को बांटा। कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक देवेश चतुर्वेदी सहित प्रशिक्षु अधिकारी मौजूद थे।