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Friday, October 8, 2021

प्रधानमंत्री मोदी को मिले तोहफों की नीलामी, चार उपहारों के लिए एक करोड़ से ज्यादा की बोली


नई दिल्ली (मानवी मीडिया): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिले उपहारों और स्मृति चिन्हों की कल शाम समाप्त हुई ई-नीलामी में चार उपहारों की कीमत एक करोड़ से ऊपर लगाई गई। एक करोड़ से ऊपर में नीलाम हुए इन उपहारों में जापान ओलंपिक में स्वर्ण पदक विजेता नीरज चाेपड़ा का भाला और भवानी देवी की तलवार शामिल है।

इसके अलावा, सुमित अंतिल के जैवलिन (भाला) और टोक्यो में ही हुई पैरालंपिक में भाग लेने वाले खिलाड़ियों द्वारा श्री मोदी को भेंट किए गए इन खिलाड़ियों के हस्ताक्षर वाले अंगवस्त्र में भी एक करोड़ रुपये या उससे अधिक की बोली आकर्षित की। नीरज चोपड़ा के भाले के लिए आखिरी बोली डेढ़ करोड़ रुपये लगी है। नॉर्डिक स्पोर्ट्स द्वारा निर्मित नीरज के भाले की असली कीमत बाजार में 80,000 के आसपास है। गौरतलब है कि नीरज चोपड़ा ने 16 अगस्त को आयोजित भारतीय ओलंपिक दल के सम्मान समारोह के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना भाला भेंट स्वरूप दिया था। अन्य भारतीय एथलीटों द्वारा ओलंपिक में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों को ई-नीलामी में भी शामिल किया गया था।

नीलामी में दूसरी सबसे बड़ी 1.25 करोड़ रुपये की बोली भवानी देवी की ऑटोग्राफ वाली तलवार के लिए मिली। सुमित अंतिल के भाले के लिए एक खरीददार ने 1.002 करोड़ रुपये का बोली लगाई। इसके बाद चौथे नंबर पर साल 2020 के टोक्यो पैरालंपिक में भाग लेने वाले भारतीय खिलाड़ियों के हस्ताक्षर वाले अंगवस्त्र की कीमत एक करोड़ रुपये लगी। संस्कृत मंत्रालय द्वारा कराई इस ई-नीलामी में लवलीना बोरगोहेन की पहनी हुई बॉक्सिंग दस्ताने को खरीदने के लिए खरीददार 91 लाख रुपये तक देने को तैयार हुआ।

चोपड़ा का इस तीसरे दौर के नीलामी की प्रक्रिया की शुरुआत 17 सितंबर से हुई थी। नीलामी ने धार्मिक कलाकृतियों के अलावा ओलंपियन खेल उपकरणों ने लोगों के ध्यान को ज्यादा आकर्षित किया। इनके अलावा, अन्य जिन तोहफों के लिए सबसे अधिक बोलियां लगाई गईं, उनमें सरदार पटेल की मूर्ति (140 बोलियां), गणेश भगवान की लकड़ी की मूर्ति (117 बोलियां), पुणे मेट्रो लाइन की स्मृति चिह्न (104 बोलियां) और विजय लौ की स्मृति चिह्न (98 बोलियां) शामिल रहीं। गौरतलब है कि इस ई-नीलामी से एकत्र हुई धनराशि का उपयोग प्रधानमंत्री के ‘नमामि गंगे परियोजना’ के तहत गंगा की साफ-सफाई और संरक्षण के काम में किया जाएगा।

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