लखनऊ (मानवी मीडिया): लखनऊ में अब जल्द ही गंभीर रोगों का इलाज पीजीआई की टेली आईसीयू में मिलने लगेगा। इसके लिए तैयारियां तेज हो गई हैं। साथ ही पीजीआई के टेली आईसीयू को दूसरे मेडिकल कॉलेजों की आईसीयू यूनिट से जोड़ा जाएगा। इससे दूसरे जिले के मेडिकल कॉलेज में भर्ती गंभीर मरीजों को बेहतर इलाज मिल सकेगा। पीजीआई के निदेशक डॉ आरके धीमान ने बताया, "प्रदेश के छह मेडिकल कॉलेज के आईसीयू यूनिट पीजीआई के टेली आईसीयू से दिसंबर के पहले सप्ताह तक जुड़ जाएंगे। पहले चरण में छह मेडिकल कॉलेजों के लगभग 200 आईसीयू बेड पीजीआई से जुड़ेंगे, जिसमें 60 बेड पीजीआई, 40 बेड गोरखपुर और 20-20 बेड अन्य मेडिकल कॉलेज के होंगें। पीजीआई की टेली आईसीयू से गोरखपुर, कानपुर, मेरठ, प्रयागराज झांसी और आगरा के मेडिकल कॉलेज जोड़े जाएंगे। जल्द ही 75 जनपदों में इस सुविधा का विस्तार किया जाएगा।"
कोरोना काल की पहली लहर में पीजीआई की टेली मेडिसिन सुविधा से दूसरे जिलों के डॉक्टरों को कोविड के मरीजों का इलाज करने में काफी मदद मिली थी। इस दौरान ओपीडी सेवाएं बंद होने पर सामान्य मरीजों को इस टेली मेडिसिन सुविधा से सीधे तौर पर जुड़ कर राहत मिली थी। मुख्यमंत्री ने बीते साल टेली मेडिसिन की सराहना करते हुए इस सुविधा से दूसरे जिलों के मेडिकल कॉलेजों के आईसीयू को पीजीआई की टेली आईसीयू से जोड़ने के निर्देश भी दिए थे ताकि मरीजों को कोरोना के साथ दूसरी बीमारियों के गम्भीर मरीजों को मेडिकल कॉलेजों में पीजीआई जैसा इलाज मिल सके।
राजधानी लखनऊ में स्थित पीजीआई के विशेषज्ञों की टीम अब दूसरे जिलों में स्थापित मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों को ऑनलाइन प्रशिक्षण भी देंगे। बता दें कि इस सेवा के शुरू होने से दूसरे जिले में वेंटिलेटर पर भर्ती मरीज, जटिल ऑपरेशन वाले रोगियों समेत दूसरे गंभीर मरीजों पर पीजीआई के विशेषज्ञों की पैनी नजर रहेगी। पीजीआई को कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के तहत संचालित होने वाले टेली-आईसीयू का कमांड सेंटर बनाया गया है। यहां के विशेषज्ञ डॉक्टर कैमरे की मदद से गंभीर मरीजों को देखेंगे और उपचार की तकनीक बताएंगे।