नई दिल्ली (मानवी मीडिया): कोरोना की दूसरी लहर के बाद धीरे धीरे अर्थव्यवस्था के फिर से पटरी पर लौटने के साथ ही जीएसटी राजस्व संग्रह में भी तेजी आने लगी है और जुलाई में यह फिर से एक लाख करोड़ रुपये के स्तर को पार करते हुये 116393 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। आठ महीने तक लगातार एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के जीएसटी राजस्व संग्रह के बाद जून में यह एक लाख के स्तर से नीचे आ गया था। जून महीने के लिए 92,849 करोड़ रुपए का जीएसटी राजस्व संग्रहित हुआ था।
अक्टूबर 2020 से लगातार जीएसटी राजस्व सँग्रह एक लाख करोड़ रुपए के पार बना हुआ है। अक्टूबर 2020 में 105,155 करोड़ रुपए, नवंबर 2020 में 104,963 करोड़ रुपए, दिसंबर 2020 में 115,174 करोड़ रुपये और इस वर्ष जनवरी में 119,875 करोड़ रुपए, फरवरी में113143 करोड़ रुपए, मार्च में 123902 करोड़ रुपए, इस वर्ष अप्रैल में यह राशि अब तक के रिकार्ड 141384 करोड़ रुपए पर रहा था। मई में यह राशि 102709 करोड़ रुपए रहा था।
वित्त मंत्रालय द्वारा आज यहां जारी जीएसटी संग्रह के आँकड़ों के अनुसार जुलाई महीने के लिए संग्रहित राजस्व में सीजीएसटी 22,197 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 28,541 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 57,864 करोड़ रुपये और 7790 करोड़ रुपये क्षतिपूर्ति उपकर शामिल है। आईजीएसटी में 27,900 करोड़ रुपये और क्षतिपूर्ति उपकर में 815 करोड़ रुपये आयातित वस्तुओं पर संग्रहित कर शामिल हैं। सरकार ने आईजीएसटी राजस्व में से 28,087 करोड़ रुपये सीजीएसटी में और 24,100 करोड़ रुपये एसजीएसटी में हस्तातंरित किये हैं।