दरअसल, आईएएस अफसर सुधीर कुमार ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करने की मांग की है। उनका कहना है कि पुलिस तमाम सबूत होने के बावजूद एफआईआर नहीं लिख रही है। इस मामले में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का भी बयान आया है। उन्होंने मामले पर नीतीश कुमार की ओर से सफाई दिए जाने की मांग की है। थाना अध्यक्ष को उन्होंने दो सेट में शिकायत दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया लेकिन आवेदन की गंभीरता को देखते हुए थाना अध्यक्ष वहां से बगैर कुछ बताए ही चले गए।
आईएएस अधिकारी थाना अध्यक्ष के इस रवैया से नाराज होकर दो घंटे से अधिक समय तक बैठे रहे। उन्होंने कहा कि थाना अध्यक्ष कहां गए उन्हें मालूम नहीं। थाना अध्यक्ष जब तक नहीं आ जाते वह यहीं बैठे रहेंगे। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि समझ लीजिए यही कानून का राज है कि एक वरिष्ठ प्रशासनिक सेवा का अधिकारी थाना अध्यक्ष का इंतजार कर रहा है।
गौरतलब है कि कुमार के बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) के अध्यक्ष पद पर रहते हुए वर्ष 2014 में इंटरमीडिएट स्तरीय संयुक्त परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक हुआ था, जिसमें उन्हें वर्ष 2017 में निलंबित कर गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा वह गृह विभाग के प्रधान सचिव की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। वर्तमान में वह सामान्य प्रशासन विभाग में मुख्य जांच आयुक्त के पद पर हैं।