दलित,पिछड़ों को मंत्री बनाया जाना विपक्ष को रास नहीं आया: योगी - मानवी मीडिया

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Tuesday, July 20, 2021

दलित,पिछड़ों को मंत्री बनाया जाना विपक्ष को रास नहीं आया: योगी

लखनऊ(मानवी मीडिया) कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों पर नकारात्मक राजनीति करने का आराेप लगाते हुये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि तथ्यहीन और झूठे आरोप लगा कर देश में दूषित वातावरण बनाना और संसद सत्र काे बाधित करना विपक्ष की कुत्सित मंशा को उजागर करता है कि उसे दलित और पिछड़े वर्ग के जनप्रतिनिधियों को मंत्री बनाया जाना रास नहीं आया है। योगी ने मंगलवार को यहां पत्रकारों से कहा कि पेगासिस के साफ्टवेयर को लेकर पिछले दो दिनो से विपक्षी दलाें के द्वारा देश के अंदर जिस प्रकार का वातावरण बनाने का प्रयास हो रहा है। यह विपक्ष के कुत्सित मंशा को उजागर करता है। ‘जाकी रही भावना जैसी प्रभु मूरत देखी तनि तैसी।’ कांग्रेस सरकार अपने समय में जिस प्रकार की हरकतें करती रही है आज विपक्ष में रह कर भी अपने उन्ही मंसूबों पर आगे बढ रही है।

उन्होंने कहा कि संसद का यह अत्यन्त महत्वपूर्ण सत्र था। संसद की परिपाटी रही है कि नये मंत्रियों का परिचय संसद के माध्यम से देश की जनता से कराया जाता है। अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ी जाति से जुड़े मंत्री काफी बडे पैमाने पर बने है जिन्होने आजादी के बाद कभी भी नेतृत्व नहीं देखा था। आज जब उस तबके को नेतृत्व दिया गया और उस तबके को आगे बढने का अवसर प्रधानमंत्री ने दिया। उन मंत्रियों के परिचय संसद शुरू होने से पहले होता जो विपक्ष को यह रास नहीं आया।

योगी ने कहा कि संसद सत्र शुरू होने के ठीक एक दिन पहले इस प्रकार की एक सनसनीखेज चीजों का परोस करके समाज में एक विषाक्त वातावरण पैदा करने का एक कुत्सित प्रयास हो रहा है। यह राजनीति के गिरते घटते स्तर को प्रदर्शित करता है। विपक्ष पूरी तरह नकारात्मक भूमिका में है और उन अतंराष्ट्रीय साजिशाें का शिकार जाने अंजाने में हो रहा है जो ताकतें किसी न किसी रूप में भारत को अस्थिर करना चाहती हैं। यह पहली घटना नहीं है। 2020 में प्रारंभ में अमेरिका के राष्ट्रपति के दौरे के दौरान दिल्ली पहुंचने से पहले दिल्ली में भीषण दंगा ऐसी ही साजिश का हिस्सा बनी थी। उस समय भी तमाम विपक्षी दलों की संलिप्तता उस दंगे के साथ जोड़ कर देखी गयी थी।

कोरोना कालखंड के दौरान देश के कोरोना प्रबंधन को डब्लूएचओ और दुनिया के तमाम देशों ने सराहा था। विपक्ष एक ऐसा माहौल बनाने का प्रयास कर रहा था कि भारत में महामारी से लोग मर रहे है। अंतराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को खराब करने और अस्थिर करने के लिये जिस मंसूबों के साथ विपक्ष काम कर रहा है वह अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है। अनेके ऐसे अवसर आये है जब देश के अंदर कोई महत्वपूर्ण कार्यक्रम होता है, उससे पहले विपक्ष किसी न किसी साजिश का शिकार होकर देश के खिलाफ या दुनिया के अंदर भारत के खिलाफ माहौल बनाने में किसी न कियाी खंडयत्र का पार्ट बन जाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि संसद एक मंच होता है अपनी बात को रखने का। शोरगुल का शिकार संसद को बना ले तो यह लोकतंत्र का गला घोटने जैसा है। यह लोकतंत्र के साथ खिलवाड है और यह लगातार विपक्ष कर रहा है। किसान आंदोलन के नाम पर किस तरह देश के खिलाफ साजिशें रची जाती है, कैसे किसान को समुदाय में मत और मजहब के साथ जोड कर देख करके उनके माध्यम से देश विरोधी कृत्यों को आगे बढाने की छूट दी जाती है। विपक्ष उनके साथ खडा दिखायी देता है । इस नकरात्मक राजनीति से न देश का कल्याण होने वाला है और न ही विपक्ष अथवा जनता जनार्दन का फायदा होगा। इस प्रकार की नकरात्मक राजनीति देश के वातावरण को विषाक्त जरूर करेगी। भारत की छवि को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खराब जरूर करेगी। कोरोना कालखंड में विपक्ष के रवैये के कारण भारत की छवि पहले ही काफी आहत हुयी लेकिन अपनी नकारात्मकता से विपक्ष आज भी बाज नहीं आ रहा है। तथ्यहीन झूठे आरोप लगा लगा कर देश के यशस्वी नेतृत्व को बदनाम करना और अपने देश की छवि को लगातार धूमिल करना विपक्ष के एजेंडे का हिस्सा बन चुका है। उनकी कुत्सित मंशाये कभी पूरी नहीं होंगी। जनता जनार्दन समय आने पर फिर से जवाब देगा और वैसे ही जवाब देगा जैसे 2019 चुनाव से पहले राष्ट्रीय सुरक्षा से जुडे अहम मुद्दों पर राफेल जैसे मुद्दों को लाकर देश का वातावरण खराब करने का कार्य किया था। बाद में उनको मुंह की खानी पडी थी। न्यायालय में भी और जनता जनार्दन की अदालत में भी। इस बार पर संसद संत्र के महत्वपूर्ण मुद्दे पर जहां गरीब,गांव किसान के लिये महिलाओं के लिये चर्चा होती। कोरोना महामारी से निपटने के उपायों पर चर्चा होती । वैक्सीनेशन ड्राइव को पूरा करने के उपाय पर चर्चा होती जिसे विपक्ष ने नहीं होने दिया। शोरगुल और आरोप प्रत्यारोप और झूठे तथ्यहीन आरोप लगा करके देश की छवि को धूमिल करने की मंशा विपक्ष की कभी पूरी नहीं होंगी। इसे सिरे से खारिज किया जाना चाहिये। संसद सत्र की कार्यवाही निर्विघ्न सम्पन्न करने और जनता से जुडे ज्वलंत मुद्दो को संसद में नहीं उठने देना आम नागरिक के जीवन के साथ खिलवाड है। विपक्ष को इस बात के लिये देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।

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