नई दिल्ली (मानवी मीडिया): वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बीमा कंपनियों को कारोबार बढाने के लिए संसाधन जुटाने को आसान बनाने वाला ‘साधारण बीमा कारोबार (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक 2021’ आज विपक्षी सदस्यों के कड़े विरोध के बीच लोकसभा में पेश किया। पीठासीन अधिकारी राजेंद्र अग्रवाल ने जैसे ही वित्त मंत्री का नाम पुकारा और उन्हें विधेयक पेश करने के लिए कहा तो पेगासस आदि मुद्दों पर पहले से ही हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों का शोरगुल एकदम और तेज हो गया। भारी हंगामे के बीच सीतारमण ने यह विधेयक पेश किया।
आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन ने इस विधेक का कड़ा विरोध किया और कहा कि सदन चल नहीं रहा है फिर भी सरकार इस तरह के महत्वपूर्ण विधेयक ला रही है। उन्होंने कहा कि बीमा विधेयक में संशोधन कर सरकार बीमा कंपनियों का निजीकरण कर रही है और यह देश की इंश्योरेंस से जुड़ी कंपनियों के लिए खतरनाक साबित होगा। उन्होंने सरकार से यह विधेयक वापस लेने की मांग की।
सीतारमण ने कहा कि प्रेमचंद्रन का यह कहना सही है कि सदन चल नहीं रहा है और वह भी यही कहती हैं कि सदन चलना चाहिए और हंगामा कर रहे सदस्यों को इस विधेयक की महत्ता को देखते हुए इस पर चर्चा करनी चाहिए। उन्होंने विधेयक के जरिए सरकारी कंपनियों के निजीकरण के आरोप को गलत बताया और कहा कि विधेयक के माध्यम से सरकारी क्षेत्र की बीमा कंपनियों को और सशक्त बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र की बीमा कंपनियों बहुत अच्छा काम कर रही हैं। वे तेजी से आगे बढ रही है लेकिन सरकारी क्षेत्र की कंपनियों के पास संसाधन नहीं हैं इसलिए उन्हें संसाधन जुटाने और अपना कारोबार बढाने का अधिकार देने के लिए यह विधेयक लाया जा रहा है और सदन को इसे पारित करना चाहिए।