लखनऊ (मानवी मीडिया)मंगल पांडेय साझी विरासत के सबसे बड़े प्रतीक रहे हैं,मंगल पांडे का नाम 'भारतीय स्वाधीनता संग्राम' में अग्रणी योद्धाओं के रूप में लिया जाता है, जिनके द्वारा भड़काई गई क्रांति की ज्वाला से अंग्रेज ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन बुरी तरह हिल गया था. आज उनकी 192वीं जयंती है. उनका जन्म 1827 ई में 19 जुलाई को हुआ था. अपनी हिम्मत और हौसले के दम पर समूची अंग्रेजी हुकूमत के सामने मंगल पांडे की शहादत ने भारत में पहली क्रांति के बीज बोए थे.
1857 की क्रांति में हिन्दू मुस्लिम दोनों सैनिक कंधे से कंधा मिलाकर लड़े, तमाम राज्यों को स्वतंत्र करवा लिया गया। इस एकता ने पूरे देश में अंग्रेजी शासन की नींव हिलाकर रख दी। हिंदू मुस्लिम एकता की साझी विरासत और साझी शहादत के सबसे बड़े प्रतीक मंगल पांडेय रहे हैं।
कांग्रेस पार्टी मंगल पांडेय को अपना आदर्श मानती है, उनके सपनों के हिन्दोस्तान के लिए आजादी से अब तक संघर्ष किया और साझी विरासत के देश के विचार को गढ़ा। मगर दुर्भाग्य यह है कि वर्तमान सत्ताधारी दल मंगल पांडेय के सपनों के भारत को खत्म करना चाहती है। संवैधनिक पदों पर बैठे लोग देश को सांप्रदायिकता के दलदल में झोंक देना चाहते हैं।
उ0प्र0 कांग्रेस कार्यालय पर 1857 की क्रांति के अग्रदूत,भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के नायक अमर शहीद मंगल पांडे जी की जयंती पर में माल्यार्पण कर नमन किया गया । इस मौके पर प्रशासनिक प्रभारी दिनेश सिंह, प्रदेश सचिव शाहनवाज मंगल,राहुल राजभर, प्रवक्ता के के पाण्डेय, द्विजेन्द्र त्रिपाठी,ओंकार नाथ सिंह, ब्रजेंद्र सिंह,सुधान्शु बाजपेयी ,अभिषेक बाजपेयी एवं पिछड़ा वर्ग सचिव संजय मौर्य, लीगल सेल के चेयरमैन नितिन मिश्र सहित तमाम कार्यकर्ता उपस्थित रहे।