अगस्त तक होगा यूपी डिफेंस कॉरिडोर के अलीगढ़ नोड का उद्घाटन
लखनऊ (मानवी मीडिया)विश्व की दूसरी सबसे बड़ी सैन्य शक्ति की तीनो अंगो (जल, थल तथा वायु सेना) के निरंतर आधुनिकरण एवं स्वदेशीकरण के प्रयासों के चलते भारत देश रक्षा एवं एयरोस्पेस के क्षेत्र में नई उंचाईओं पे है I रक्षा क्षेत्र पे, विश्व में भारत तीसरी सबसे अधिक व्यय करने वाली अर्थव्यवस्था है I
भारत सरकार के "मेक इन इंडिया" परियोजना के तहत देश में विनिर्माण तथा रोजगार सृजन के द्रष्टिकोण से रक्षा क्षेत्र सबसे अधिक महत्वपूर्ण है और इसकी महत्वता का अनुमान इस बात से भी लगाया जा सकता है की सरकारी आकलन के अनुसार यह क्षेत्र वर्ष 2025 तक 26 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है I
ISDA 2021 के उद्घाटन सत्र को सम्भोधित करते हुए मुख्य अतिथि, योगी आदित्यनाथ, मुख्य मंत्री, उत्तर प्रदेश, ने बताया की उत्तर प्रदेश में डिफेन्स कॉरिडोर सरकार की एक महत्वकांशी परियोजना है और वह सभी उद्द्योगिक इकाईयां जो इस कॉरिडोर के साथ जुडी है उनको इस परियोजना से निश्चित रूप से अत्यधिक लाभ मिलेगा I इस कॉरिडोर के तहत 1409 हेक्टेयर भूमि चिन्हित की गयी है और जिन 54 कंपनियों ने इस परिजोजना के अंतर्गत प्रस्ताव दिए है उनके द्वारा लगभग 16000 से अधिक लोगो के लिए रोजगार के अवसर उत्त्पन्न किये जाएंगे I
मुख्यमंत्री योगी ने बताया की अलीगढ़ नोड में बिजली, पानी, सड़क आदि का कार्य प्रगति पर है और अगस्त 2021 में अलीगढ़ नोड, जो की 19 इकाईओं में विभाजित कुल 74 हेक्टेयर भूमि है, उद्घाटन के लिए तैयार है I
उन्होंने ने यह भी बताया की केंद्र सरकार ने डिफेन्स कॉरिडोर में निवेश आकर्षित करने हेतु 25000 करोड़ के व्यव का प्रावधान किया है I जहां पर निवेश हेतु भूमि की अधिक मांग है उन क्षेत्रों में लैंड बैंक का सृजन किया गया है I प्रदेश सरकार, रक्षा मंत्रालय के साथ मिल कर कॉमन फैसिलिटी सेंटर, रक्ष परीक्षण तथा मौजूदा रक्षा अधोरचनात्मक प्रणाली के तहत प्रयोगशालाओं के विकास को भी मूर्त रूप देगी I इन प्रयोगशालाओं के माध्यम से MSMEs तथा स्टार्ट अप्स को प्रोटोटीपिंग, प्रौद्योगिक प्रशिक्षण, संरचना विकास में सहायता मिलेगी I प्रदेश सरकार ने IIT कानपूर तथा BHU में भारतीय नौसेना, उद्द्योग तथा शैक्षणिक संस्थानों के बेहतर समन्वय हेतु सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस की स्थापना भी की है I इन केंद्रों में अनुसंधान विकास को गति प्रदान करने हेतु मौद्रिक अनुदान की पहली किश्त दी जा चुकी है तथा दूसरी प्रगति पर है I
अवनीश अवस्थी अपर मुख्य सचिव - गृह तथा सीईओ, UPEIDA ने बताया की उत्तर प्रदेश, उद्द्योग के दृश्टिकोण से प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है I डिफेन्स कॉरिडोर नोड्स की प्रगति पे बोलते हुए अवस्थी ने बताया की डिफेन्स करीडोर परियोजना की तहत अलीगढ़ में अधोरचनात्मक विकास पर 32 करोड़ के व्यय का प्रावधान है और अगस्त 2021 तक अलीगढ़ नोड के शुभारम्भ की योजना है I इस परियोजना के तहत कानपूर नोड के लिए 25 करोड़ स्वीकृत किया गया है और यह नोड भी कुछ ही महीनो में क्रियान्वित हो जायेगा और वही झाँसी नोड का कार्य अगले 6 महीनो में प्रारम्भ कर दिया जायेगा I
ISDA 2021 तथा सी.आई.आई. उत्तरी क्षेत्र डिफेन्स एण्ड एरोस्पेस समिति के अध्यक्ष मनोज गुप्ता ने कहा की किसी भी देश को वैश्विक पटल पर एक सार्थक प्रतिस्पर्धी के रूप में स्तापित होने के लिए आवश्यक है की उसका रक्ष एवं सैन्य पारिस्थितकीय पारितंत्र अध्यधिक शशक्त एवं मज़बूत हो I मेक इन इंडिया परियोजना के कारण आज भारत का एक्सपोर्ट व्यापार 10 हज़ार करोड़ तक पहुंच गया है जो की 8 साल पहले मात्र 500 करोड़ का हुआ करता था I 200 करोड़ से कम के अनुबंध में घरेलु टेंडर्स, रक्षा उत्पादन में FDI सीमा को 49 % से 74 % बढ़ाना, अधिक उत्पादन श्रेणियाँ, डिफेन्स ऑफसेट, लइसेंस हेतु सिंगल विंडो क्लीयरेंस जैसे कदम देश में रक्षा विनिर्माण को और मज़बूती प्रदान करेंगे I
जयंत पाटिल, अध्यक्ष, एसआईडीएम ने बताया की रक्षा के क्षेत्र में किये जारहे सुधार, क्षमता विकास में सराहनीय कदम होंगे | रक्षा व्ययों में १५% की बढ़ोतरी इस बात का उदाहरण है | पाटिल ने बताया कि कुल रक्षा बजट का दो तिहाई भारतीय उद्योग के लिए चिन्हित किया गया है जिसमें से २०% एमएसएमई के लिए आरक्षित है | उन्होंने यह भी बताया कि २०८ वस्तुओं को सकारात्मक सूचि में शामिल किया गया है और अब इन वस्तुओं का आयत प्रतिबंधित है | इस कदम से निश्चित ही भारतीय उत्पादकों को आवश्यक बल मिलेगा |
सत्र को सम्बोधित करते हुए एसआईडीएम यूपी चैप्टर के अध्यक्ष सचिन अग्रवाल ने बताया कि आज करीब 8000 रक्षा क्षेत्र से सम्बंधित एमएसएमई इस उद्योग को मज़बूती प्रदान कर रहे है और यही एमएसएमई DPSU तथा बड़ी निजी उद्योगों के टियर २ एवं टियर ३ सप्लायर भी है | आज के इस आधुनिक रक्षा परिपेक्ष में उद्योगों को विकास की एक नयी दशा एवं दिशा प्रदान की है और ये सभी औद्योगिक इकाइयां यह पाएंगी की इस विकास को नयी ऊचाइयों तक ले जाने हेतु सभी आवश्यक अधोरचना उत्तर प्रदेश में मौजूद है | उन्होंने यह भी कहा कि सरकार द्वारा अपने रक्षा बलों के आधुनिकीकरण के लिए अगले 10 वर्षों में $250 बिलियन खर्च करने की योजना के साथ, इन मांगों को पूरा करने में उद्योग की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
अश्मिता सेठी, उपाध्यक्ष, सीआईआई उत्तरीय क्षेत्र रक्षा समिति ने बताया कि रक्षा के क्षेत्र में आज विभिन्न प्रकार के आधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तमाल किया जारहा है और इन प्रौद्योगिकी के सन्दर्भ में उत्तर प्रदेश कि एक महत्वपूर्ण भूमिका होगी | इन आधुनिक प्रौद्योगिकी में शामिल है डिफेन्स इलेक्ट्रॉनिक्स, एमआरओ फैसिलिटीज तथा अंतरिक्ष सम्बन्धी अनुसन्धान एवं विकास |