नई दिल्ली (मानवी मीडिया): कोरोना वायरस की दूसरी लहर से भारत सबसे अधिक प्रभावित हुआ है और इधर कोरोना पाबंदियों की वजह से वैश्विक आवाजाही पर भी प्रतिबंध है। मगर अब जब पूरी दुनिया में वैक्सीनेशन की रफ्तार तेज होने लगी है तो कई देशों ने ट्रेवल बैन में छूट देने का ऐलान किया है। कई देशों ने वैक्सीन लगवा चुके लोगों के लिए अपनी नीतियों में छूट दी है और उनके लिए अपने देश के दरवाजे खोलने का ऐलान कर दिया है। मगर उन लोगों के लिए अब भी विदेश जाने के दरवाजे बंद रहेंगे, जिन्होंने भारत बायोटेकी की कोक्सीन लगवाई है। जी हां, अगर आप भारत बायोटेक की वैक्सीन कोवैक्सीन की दोनों खुराक लगवा चुके हैं तब भी शुरुआती महीनों में इंटरनेशनल ट्रेवल पर आपको छूट नहीं मिलेगी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दरअसल जिन देशों ने अपने यहां इंटरनेशनल ट्रेवल की छूट दी है, या तो वे अपनी खुद की रेग्युलेटरी अथॉरिटी द्वारा स्वीकृत की गई वैक्सीन को मान्यता दे रहे हैं या फिर विश्व स्वास्थ्य संगठन की इमर्जेंसी यूज लिस्टिंग (EUL) की तरफ से स्वीकृत की गई वैक्सीन को ही मान्य मान रहे हैं। इस लिस्ट में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड, मॉडर्ना, एस्ट्राजेनेका, फाइजर, जानसेन (अमेरिका और नीदरलैंड में) और सिनोफार्म/BBIP शामिल है, मगर इस लिस्ट मेंकोवैक्सिन का नाम कहीं नहीं है। भारतीय वैक्सीन में दुनिया की दिलचस्पी, COVAXIN की तैयारी देखने के लिए 80 देशों के राजनयिक करेंगे भारत बायोटेक का दौरा - विश्व स्वास्थ्य संगठन की लेटेस्ट गाइडेंस डॉक्यूमेंट्स के मुताबिक, इमर्जेंसी यूज लिस्टिंग में शामिल होने के लिए भारत बायोटेक की ओर से इच्छा जाहिर की गई है, मगर संगठन की तरफ से और जानकारी मांगी गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि प्री-सबमिशन मीटिंग मई-जून में प्लान की गई है, जिसके बाद कंपनी की तरफ से डोजियर सबमिट किया जाएगा। इसकी समीक्षा की जाएगी और फिर इस पर फैसला लिया जाएगा। इस प्रक्रिया में अभी लंबा वक्त लग सकता है। बता दें कि भारत में अभी दो कोरोना वैक्सीन की मदद से वैक्सीनेशन अभियान चल रहा है। हालांकि, इसमें स्पूतनिक-वी का नाम भी जुड़ गया है, मगर सरकारी अभियान में अब तक यह शामिल नहीं हो पाया हैं सूत्र