शिमला (मानवी मीडिया) अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति
डोनाल्ड ट्रम्प और बॉलीबुड स्टार अमिताभ बच्चन के नाम से हिमाचल प्रदेश में
फर्जी कोविड ई-पास बनाने का मामला सामने आया है। चौंकाने वाली बात यह है
कि कोविड के ई-पास पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण के बाद इन दोनों विख्यात
हस्तियों के नाम से ई-पास जारी हुआ है। दरअसल कोरोना के बढ़ते मामलों के
चलते राज्य सरकार ने प्रदेश में दाखिल होने के लिए ई-रजिस्ट्रेशन को जरूरी
किया है। ताजा मामले के अनुसार बॉलीवुड स्टार अमिताभ बच्चन और यूएस के
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नाम पर ई-पास जारी किए गए हैं।
शिमला आगमन के लिए दोनों के ई-पास की वैद्यता 7 मई बताई गई है। फिलहाल इस मामले मे पुलिस ने जिनके आधाक कार्ड का एड्रैस लगाया गया है, उस पर एफआईआर दर्ज कर ली है। हिमाचल पुलिस ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है कि कोविड ई-पास के लिए डोनाल्ड ट्रम्प और अमिताभ बच्चन के नाम से फर्जी रजिस्ट्रेशन हुआ है औऱ इस पर शिमला पुलिस आईटी एक्ट नंबर 1, धोखाधड़ी व डिजास्टर मैनेजमेंट के तहत कानूनी कार्रवाई कर रही है। बहरहाल कोरोना कफ्र्यू के बीच इस मामले ने सरकारी व्यवस्था की पोल खोल कर दी है। इससे प्रदेश सरकार की ई-रजिस्ट्रेशन प्रणाली पर भी सवालिया निशान लग गया है।
उचित कार्रवाई की जाएगी : एसपी मोनिका
वहीं शिमला की कार्यवाहक एसपी मोनिका ने सम्पर्क करने पर कहा कि इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस इस मामले में उचित कार्रवाई करेगी। मामले के अनुसार अमेरिका के पूर्व डोनाल्ड ट्रंप के नाम पर चंडीगढ़ से शिमला के सुन्नी के लिए पास बनाया गया है और जरूरी सेवाओं की श्रेणी के तहत उन्हें शिमला आने की अनुमति दी गई है। इसी तरह बॉलीवुड स्टार अमिताभ बच्चन के नाम से जारी पास में भी उन्हें आवश्यक सेवाओं के अंतर्गत प्रदेश में दाखिल होने की अनुमति दी गई है। बहरहाल कोरोना कफ्र्यू के बीच इस मामले ने सरकारी व्यवस्था की पोल खोल कर दी है। इससे प्रदेश सरकार की ई-रजिस्ट्रेशन प्रणाली पर भी सवालिया निशान लग गया है।
वहीं इसके बाद राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि विभाग के संज्ञान में आया है कि पास नम्बर एचपी-2563825 और एचपी-2563287 के दो पंजीकरण डोनाल्ड ट्रम्प और अमिताभ बच्चन के नाम पर किए गए हैं जिनमें एक ही मोबाइल नंबर-9882810033 है। दोनों पंजीकरण अफवाह फैलाने के इरादे से किए गए प्रतीत होते हैं क्योंकि दोनों के पंजीकरण भी नकली लगते हैं। यह इस तथ्य से स्पष्ट है कि आवेदक द्वारा इन दोनों पंजीकरणों के लिए एक ही पहचान पत्र अपलोड किया गया है। यह पंजीकरण के समय आवेदक द्वारा की गई घोषणा का स्पष्ट उल्लंघन है। राज्य सरकार प्रदेश की जनता से आग्रह करती है कि वह पोर्टल के इस तरह के दुरुपयोग से बचने के साथ-साथ कोविड पंजीकरण पोर्टल के बारे में भ्रामक सूचनाओं व अफवाहों को न फैलाएं ताकि इस कठिन समय में महामारी से लडऩे में राज्य के विभागों की ऊर्जा सकारात्मक कार्यों में उपयोग हो सके।