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Wednesday, May 12, 2021

अब से भारत में ही बनेगी इलेक्ट्रिक कारों की बैटरी, मोदी कैबिनेट ने दी मंजूरी


नई दिल्ली (मानवी मीडिया): केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि एडवांस केमिस्ट्री सेल बैटरी स्टोरेज के नेशनल प्रोग्राम को मंजूरी दे दी गई है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट में इसे मंजूरी मिल गई है। एडवांस केमिस्ट्री सेल एनर्जी को केमिकल फॉर्म में स्टोर करता है। इसका इस्तेमाल इलेक्ट्रिक कारों में किया जाता है। अभी, भारत इसका बड़े पैमाने पर इंपोर्ट करता है। 

अब सरकार चाहती है कि इसके इंपोर्ट को कम किया जाए और घरेलू स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग बढ़ें। इस मिशन के तहत एनवायरमेंट फ्रेंडली विकल्पों के लिए नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत की अगुवाई में एक इंटर-मिनिस्ट्रियल कमेटी बनी थी। मिशन का लक्ष्य बड़े स्तर पर बैटरी मॉड्यूल और पैक असेंबली प्लांट लगाना है और साथ ही, इंटीग्रेटेड सेल मैन्युफैक्चरिंग पर जोर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि फैसला आत्मनिर्भर भारत का एक परिदृश्य होने के साथ ही मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है। इसके तहत अब से इलेक्ट्रिक कारों की बैटरी देश में ही बनेंगी।जावड़ेकर ने बताया कि बैटरी स्टोरेज बढ़े इसके लिए हम 20 हजार का बैटरी स्टोरेज बाहर से आयात कराते हैं लेकिन अब पीएलआई के तहत इसका उत्पादन देश में किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने आगे बताया कि इससे आगे चलकर बड़े पैमाने पर ईंधन के आयात को भी कम किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि उन्नत रसायन सेल बैटरी भंडारण पर राष्ट्रीय कार्यक्रम से 45,000 करोड़ रुपये का निवेश होने की संभावना है। इस योजना से इलेक्ट्रिकल व्हिकल योजना को भी लाभ मिलेगा। जब हम बैटरी स्टोरेज का इस्तेमाल करेंगे तो कोयला बचेगा।भारत में ही बनेंगी इलेक्ट्रिक कार की बैटरी, कैबिनेट ने दी मंजूरी, जानिए इसके बारे में सबकुछएडवांस केमिस्ट्री सेल बैटरी स्टोरेज के नेशनल प्रोग्राम को मंजूरी मिल गई है। इन बैटरी बनाने वाली कंपनियों को अब 18 हजार करोड़ रुपये का इनसेंटिव मिलेगा। यह रकम 5 साल में पीएलआई स्कीम के तहत कंपनियों को दी जाएगी। इंपोर्ट पर शिकंजा कसने के लिए सरकार सख्त कदम उठा सकती है। देश में बैटरी बनाने वाली कंपनी एक्साइड, अमराराज जैसी कंपनियों को इसका फायदा मिलेगा। साथ ही, घरेलू स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग से देश में नए रोजगार के अवसर भी बनेंगे।प्रकाश जावड़ेकर का कहना है कि भारत 20 हजार करोड़ रुपये बैटरी इंपोर्ट पर खर्च करता है। इससे इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा मिलेगा. देश में बैटरी बनने से इलेक्ट्रिक 2-व्हीलर्स, 4-व्हीलर्स तेजी से बढ़ेंगे। इसके अलावा हैवी व्हीकल्स जैसे ट्रक को भी इलेक्ट्रिक पर लाने की तैयारी चल रही है। मौजूदा समय में फास्ट चार्जिंग बैटरी की जरुरत है। इस फैसले से उसको भी बढ़ावा मिलेगा. रेलवे और शिपिंग में भी बैटरी के इस्तेमाल की तैयारी चल रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगर इलेक्ट्रिक वाहनों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है तो इससे 2030 तक ऑयल इंपोर्ट बिल में 40 बिलियन डॉलर करीब 2.94 लाख करोड़ रुपये की कमी आएगी

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