लखनऊ (मानवी मीडिया), रायबरेली में गुरुवार की रात युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। उसके ममेरे भाई ने अपनी सौतेली मां, चाचा-चाची सहित सात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया है। पहले पुलिस वारदात को आत्महत्या बता रही थी, मगर जब तहरीर दी गई तो हत्या का मामला पंजीकृत किया गया।मामला हरचंदपुर के जोहवाशर्की गांव का है। जोहवाशर्की गांव के शिवप्रताप सिंह की मां जानकी सिंह की वर्ष 2014 में हत्या कर दी गई थी। वारदात के बाद परिवार की ही सीता सिंह ने शिव प्रताप को गोद ले लिया था। जानमाल की रक्षा के लिए उसे एक होमगार्ड मिला था। शिव प्रताप ने अपने सहयोग के लिए महराजगंज के अंदूपुर निवासी ममेरे भाई ननकऊ उर्फ इंदप्राल सिंह को अपने पास बुला लिया था। गुरुवार की रात करीब नौ बजे अचानक गोली की आवाज चलने पर जब शिवप्रताप घर के बाहर निकला तो उसने देखा कि इंद्रपाल खून से लथपथ दरवाजे पड़ा है। उसकी कनपटी में गोली लगी थी। उसने तुरंत पुलिस को सूचना दी। मौके पर फोरेंसिक टीम को बुलाया गया। पहले पुलिस इसे आत्महत्या बताती रही, मगर जब शिव प्रताप ने दावे के साथ कहा कि उसके ममेरे भाई की हत्या हुई है तो पुलिस अफसरों ने वारदात की संवेदनशीलता को समझा। शिवप्रताप ने बताया कि उसकी मां की हत्या में आजीवन कारावास की सजा काट रहा गांव का फूलचंद पासी कुछ दिन पहले ही जमानत पर छूटकर आया है। गुरुवार की सुबह फूलचंद ने इंद्रपाल को जान से मारने की धमकी दी थी। फूलचंद्र के अलावा गांव के रामविलास, रामचंद्र, शिवप्रताप, चाचा कृष्णपाल सिंह, चाची आशी सिंह और दत्तक माता सीता सिंह ने षडयंत्र के तहत इंद्रपाल की हत्या कराई है। पुलिस ने इन सातों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।एसपी श्लोक कुमार ने बताया कि इंद्रपाल करीब सात वर्षों से जोहवाशर्की में अपनी बुआ के घर रह रहा था। गुरुवार को संदिग्ध हालात में उसकी मौत हुई है। हत्या का मामला दर्ज किया गया है। जल्दी ही वारदात का सच सामने लाया जाएगा।
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Saturday, May 15, 2021
रायबरेली में पुरानी दुश्मनी में युवक की गोली मारकर हत्या
लखनऊ (मानवी मीडिया), रायबरेली में गुरुवार की रात युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। उसके ममेरे भाई ने अपनी सौतेली मां, चाचा-चाची सहित सात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया है। पहले पुलिस वारदात को आत्महत्या बता रही थी, मगर जब तहरीर दी गई तो हत्या का मामला पंजीकृत किया गया।मामला हरचंदपुर के जोहवाशर्की गांव का है। जोहवाशर्की गांव के शिवप्रताप सिंह की मां जानकी सिंह की वर्ष 2014 में हत्या कर दी गई थी। वारदात के बाद परिवार की ही सीता सिंह ने शिव प्रताप को गोद ले लिया था। जानमाल की रक्षा के लिए उसे एक होमगार्ड मिला था। शिव प्रताप ने अपने सहयोग के लिए महराजगंज के अंदूपुर निवासी ममेरे भाई ननकऊ उर्फ इंदप्राल सिंह को अपने पास बुला लिया था। गुरुवार की रात करीब नौ बजे अचानक गोली की आवाज चलने पर जब शिवप्रताप घर के बाहर निकला तो उसने देखा कि इंद्रपाल खून से लथपथ दरवाजे पड़ा है। उसकी कनपटी में गोली लगी थी। उसने तुरंत पुलिस को सूचना दी। मौके पर फोरेंसिक टीम को बुलाया गया। पहले पुलिस इसे आत्महत्या बताती रही, मगर जब शिव प्रताप ने दावे के साथ कहा कि उसके ममेरे भाई की हत्या हुई है तो पुलिस अफसरों ने वारदात की संवेदनशीलता को समझा। शिवप्रताप ने बताया कि उसकी मां की हत्या में आजीवन कारावास की सजा काट रहा गांव का फूलचंद पासी कुछ दिन पहले ही जमानत पर छूटकर आया है। गुरुवार की सुबह फूलचंद ने इंद्रपाल को जान से मारने की धमकी दी थी। फूलचंद्र के अलावा गांव के रामविलास, रामचंद्र, शिवप्रताप, चाचा कृष्णपाल सिंह, चाची आशी सिंह और दत्तक माता सीता सिंह ने षडयंत्र के तहत इंद्रपाल की हत्या कराई है। पुलिस ने इन सातों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।एसपी श्लोक कुमार ने बताया कि इंद्रपाल करीब सात वर्षों से जोहवाशर्की में अपनी बुआ के घर रह रहा था। गुरुवार को संदिग्ध हालात में उसकी मौत हुई है। हत्या का मामला दर्ज किया गया है। जल्दी ही वारदात का सच सामने लाया जाएगा।
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