मुख्यमंत्री ने सदन में दावा किया था हम डेढ़ लाख बेड बनाकर रखे हैं। कहां गये वह दावे? - अजय कुमार लल्लू - मानवी मीडिया

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Tuesday, May 4, 2021

मुख्यमंत्री ने सदन में दावा किया था हम डेढ़ लाख बेड बनाकर रखे हैं। कहां गये वह दावे? - अजय कुमार लल्लू

 मुख्यमंत्री 300 आक्सीजन प्लान्ट कब लगेंगे? इसकी तारीख बतायें - अजय कुमार लल्लू

मुख्यमंत्री ने सदन में यह दावा किया था कि हम डेढ़ लाख बेड बनाकर रखे हैं। कहां गये वह दावे? - अजय कुमार लल्लू

उ0प्र0 के हालात खौफनाक, सिर्फ बयानों तक ही सीमित हो चुकी है आक्सीजन, बेड, दवाई, चिकित्सा आदि की व्यवस्था - अजय कुमार लल्लू

 लोगों की मौतें हो रही हैं और योगी सरकार मौतों के आंकड़ें छुपाने में जुटी है, टीम 11 के बाद अब टीम 9 का कहीं अता-पता नहीं - अजय कुमार लल्लू

उत्तर प्रदेश के शहरों के साथ अब गांव-गांव में महामारी तेजी के साथ फैली, कहीं भी न तो आरटी-पीसीआर जांच की कोई व्यवस्था और न ही चिकित्सा व्यवस्था, पूरी तरह दम तोड़ चुकी है स्वास्थ्य सेवाएं - अजय कुमार लल्लू


लखनऊ (मानवी मीडिया)उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने मुख्यमंत्री  आदित्यनाथ योगी से पूछा है कि उत्तर प्रदेश में आक्सीजन के 300 प्लान्ट किस तारीख तक लगकर तैयार हो जाएंगे? और मुख्यमंत्री  को यह भी बताना चाहिए कि किस तारीख से इन आक्सीजन प्लान्टों से गंभीर मरीजों को आक्सीजन सरकार उपलब्ध कराना शुरू कर देगी? उन्होने कहा कि सदन से लेकर अब तक दिये गये उनके बयान व घोषणाएं मात्र घोषणाएं ही साबित हुई हैं। उन्होने  कहा कि मुख्यमंत्री ने सदन में बयान दिया था और दावा किया था कि डेढ़ लाख बेड तैयार हैं। आज वह बेड कहां हैं यह मुख्यमंत्री  के अलावा किसी को पता नहीं है। सरकार की कोरोना महामारी से निपटने में गंभीरता दिखाने के बजाए केवल प्रदेश की जनता को गुमराह करने तक सीमित है। मानवता हाहाकार कर रही है। आकाश में कोरोना घना होता जा रहा है। सरकार के जनता के साथ संकटकाल में खड़े होने के अब तक के समस्त दावे पूरी तरह से निराधार व खोखले साबित हुए हैं। जिस कारण हर तरफ मौतों का सन्नाटा है और संक्रमण की रफ्तार सरकारी नियंत्रण के बाहर हो चुकी है।  

अजय कुमार लल्लू ने कहा कि आक्सीजन प्लान्ट लगाने और आक्सीजन कन्सन्ट्रेटर्स खरीदने की घोषणाएं करने वाले मुख्यमंत्री व उनकी तत्कालीन टीम 11 पिछले 14 महीने तक कोरोना महामारी के पीक की पूर्व चेतावनी के बाद क्या करती रही? सीएम केयर फण्ड में महामारी से निपटने के लिए संसाधन जुटाने के लिए आम जनता से लेकर प्रदेश के सांसदों व विधायकों तक की निधि व वेतन से पैसा एकत्रित किया गया, उसके बाद भी अब जब आक्सीजन व चिकित्सीय सुविधाओं के अभाव में अनवरत सैंकड़ों की संख्या में मौतें हो गयीं और प्रतिदिन लगभग 30 हजार लोग संक्रमित हो रहे हैं तो ऐसे में सरकार आक्सीजन प्लान्ट लगाये जाने व कन्सन्ट्रेटर्स खरीद की बात कर रही है। यह कब तक हो पायेगा, इसका अभी तक कोई अता-पता नहीं है? क्योंकि सरकार की मंशा पर सवाल इसलिए खड़े हो रहे हैं कि पूर्व में उसने घोषणा की थी कि ग्लोबल टेण्डरिंग के माध्यम से उ0प्र0 संक्रमण से निपटने के लिए वैक्सीन का आयात करेगा। अभी तक उस ग्लोबल टेण्डरिंग की प्रक्रिया ही प्रारम्भ नहीं हो पायी है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि टीम 11 के बाद अब टीम 9 का भी कहीं अता-पता नहीं है। उ0प्र0 के सभी जिलों में कांटैक्ट ट्रेसिंग नहीं हो रही है जिसकी वह से संक्रमण तेजी से फैल रहा है। आरटी-पीसीआर की टेस्टिंग घटा दी गयी है। निजी अस्पतालों में अभी भी सीधी भर्ती नहीं हो पा रही है, अभी भी सीएमओ का रेफरल लेटर अभी भी मरीजों की भर्ती में पूरी तरह से बाधा बना हुआ है।

अजय कुमार लल्लू ने कहा कि रोजाना मुख्यमंत्री एवं उनके नामित बयानवीरों द्वारा प्रदेश में आक्सीजन, बेड और जीवनरक्षक दवाओं की कोई कमी न होने का दावा किया जा रहा है किन्तु प्रदेश में हो रही मौतें बदस्तूर जारी हैं। क्योंकि कहीं पर भी सरकारी दावे जमीन पर नहीं दिख रहे हैं। देश की सबसे बड़ी केजीएमयू से लेकर प्रदेश भर के मेडिकल कालेज व अन्य कोविड फैसिलिटी सेन्टरों पर तबाही का मंजर लगा हुआ है। मेरठ में आक्सीजन न मिलने के कारण अस्पताल में हुई मौत पूरे उ0प्र0 की योगी सरकार के झूठ का खुलासा करने के लिए पर्याप्त है। आज भी आक्सीजन प्लान्टों पर लम्बी लाइनें लगी हुई हंै। भीड़ जमा है। होम आइसोलेशन के लोगों को आक्सीजन के लिए घंटों लाइन लगाना पड़ रहा है। 32-32 घंटों से लेाग आक्सीजन के लिए मारा-मारी कर रहे हैं।

अजय कुमार लल्लू ने कहा कि प्रदेश के शहरों के साथ ही अब गांव-गांव में सभी जनपदों में महामारी तेजी के साथ फैल चुकी है। कहीं भी आरटी-पीसीआर जांच की कोई व्यवस्था नहीं है। अस्पतालों में बेड, आक्सीजन, जीवन रक्षक दवाओं एवं चिकित्सकों व चिकित्सीय सुविधाओं की कमी के चलते लोग अस्पतालों की सीड़ियों पर दम तोड़ रहे हैं। प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह दम तोड़ चुकी है लोग आक्सीजन की कमी से मर रहे हैं और मुख्यमंत्री आम जनता को गुमराह करने के लिए नित नये सैंकड़ों की तादाद में आक्सीजन प्लान्ट के लगाये जाने का शिगूफा छोड़ रहे हैं, जो बहुत ही दुर्भाग्यूपूर्ण है।

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