नई दिल्ली (मानवी मीडिया): सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना लॉकडाउन के कारण प्रवासी मजदूरों को हो रही समस्याओं पर स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बेहद नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि प्रवासी मजदूरों के पंजीकरण की प्रक्रिया काफी धीमी है, इसे तेज किया जाना चाहिए ताकि योजनाओं के लाभ उन तक पहुंच पाएं। अदालत ने केंद्र और राज्य सरकारों को इस मुद्दे पर फटकार लगाते हुए कहा कि हम आपके प्रयासों से संतुष्ट नहीं हैं।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ ने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि योजनाओं का लाभ प्रवासी कामगारों सहित सभी पात्र लोगों को मिले और पूरी प्रक्रिया की निगरानी की जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि हम असंगठित क्षेत्रों में मजदूरों के पंजीकरण के मुद्दे पर केन्द्र, राज्यों के प्रयासों से संतुष्ट नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिवार को चार लाख रुपये अनुग्रह राशि दिए जाने का अनुरोध करने वाली याचिका पर केन्द्र से जवाब मांगा है। अदालत ने कोविड-19 से मरने वाले लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए समान नीति की मांग वाली याचिका पर भी केन्द्र से जवाब मांगा है।कार्यकर्ताओं ने दाखिल की याचिका
बता दें क पीठ तीन मानव अधिकार कार्यकर्ताओं की ओर से दाखिल आवेदन पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें प्रवासी कामगारों को खाद्य सुरक्षा, कैश ट्रांसफर, परिवहन सुविधा और अन्य कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलना सुनिश्चित करने के निर्देश केंद्र और राज्य सरकारों को देने का अनुरोध किया गया है