नई दिल्ली (मानवी मीडिया): देश में कोरोना की बढ़तीर रफ्तार ने शहरों के साथ-साथ ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों को भी अपनी चपेट में लिया है। ऐसे में केंद्र सरकार की ओर से गांवों और आदिवासी क्षेत्रों के लिए अलग गाइडलाइन जारी की है। सरकार इस कोशिश में है कि जल्द से जल्द कोरोना पर नियंत्रण पाया जा सके। सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना से बचाव के लिए निगरानी, स्क्रीनिंग और आइसोलेशन पर जोर दिया है।गांव, शहर से सटे इलाकों में कोराेना फैलने से बढ़ा टेंशन, सरकार ने ...इसके तहत हर गांव में आशा कार्यकर्ताओं को जुकाम-बुखार की मॉनिटरिंग करनी होगी। इनके साथ हेल्थ सैनिटाइजेशन और न्यूट्रिशन कमेटी के लोग भी रहेंगे। जिन मरीजों में कोरोना वायरस के लक्षण पाए जाते हैं तो उन्हें ग्रामीण स्तर पर कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर देखेंगे। गाइडलाइन में बताया गया है कि अगर किसी मरीज को पहले से गंभीर बीमारी है या किसी का ऑक्सीजन लेवल कम होने पर उन्हें बड़े स्वास्थ्य संस्थानों में रेफर किया जाए। बुखार और सांस से संबंधित परेशानी होने पर हर उपकेंद्र पर ओपीडी शुरू हो।यदि किसी में कोरोना के संदिग्ध लक्षण दिखें तो स्वास्थ्य केंद्रों पर रैपिड एंटीजन टेस्ट किया जाए या फिर ऐसे मरीजों के सैंपल नजदीकी कोविड जांच सेंटर भेजे जाएं जिससे मरीजों को आसानी से ट्रैक किया जा सके। सरकार ने कहा है कि एएनएम को रैपिड एंटीजन टेस्ट करने की ट्रेनिंग दी जाए। सरकार ने कहा है कि स्वास्थ्य केंद्र और उप केंद्रों पर रैपिड एंटीजन टेस्ट की किट उपलब्ध कराई जाए। साथ ही मरीजों को यह सलाह दिया जाए कि जांच रिपोर्ट आने तक वह आइसोलेट रहें।गांव में कोरोना : गुजरात के गांवों में तेजी से फैल रहा कोविड, ग्रामीणों में बना हुआ है टीके से मृत्यु का भ्रमइन दिनों करीब 80-85% केस बिना लक्षणों वाले या बेहद कम लक्षणों वाले आ रहे हैं। ऐसे मरीजों को अस्पताल में भर्ती किए जाने की जरूरत नहीं है। इन्हें घरों या कोविड केयर फैसिलिटी में आइसोलेट किया जाए। मरीज होम आइसोलेशन के दौरान केंद्र की मौजूदा गाइडलाइंस का पालन करें। फैमिली मेंबर्स भी गाइडलाइन के हिसाब से ही क्वारैंटाइन हों
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Sunday, May 16, 2021
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केंद्र का फोकस गावों पर, कोरोना पर नियंत्रण के लिए नया दिशा निर्देश जारी- टेस्टिंग और क्वारंटीन पर जोर
केंद्र का फोकस गावों पर, कोरोना पर नियंत्रण के लिए नया दिशा निर्देश जारी- टेस्टिंग और क्वारंटीन पर जोर
नई दिल्ली (मानवी मीडिया): देश में कोरोना की बढ़तीर रफ्तार ने शहरों के साथ-साथ ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों को भी अपनी चपेट में लिया है। ऐसे में केंद्र सरकार की ओर से गांवों और आदिवासी क्षेत्रों के लिए अलग गाइडलाइन जारी की है। सरकार इस कोशिश में है कि जल्द से जल्द कोरोना पर नियंत्रण पाया जा सके। सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना से बचाव के लिए निगरानी, स्क्रीनिंग और आइसोलेशन पर जोर दिया है।गांव, शहर से सटे इलाकों में कोराेना फैलने से बढ़ा टेंशन, सरकार ने ...इसके तहत हर गांव में आशा कार्यकर्ताओं को जुकाम-बुखार की मॉनिटरिंग करनी होगी। इनके साथ हेल्थ सैनिटाइजेशन और न्यूट्रिशन कमेटी के लोग भी रहेंगे। जिन मरीजों में कोरोना वायरस के लक्षण पाए जाते हैं तो उन्हें ग्रामीण स्तर पर कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर देखेंगे। गाइडलाइन में बताया गया है कि अगर किसी मरीज को पहले से गंभीर बीमारी है या किसी का ऑक्सीजन लेवल कम होने पर उन्हें बड़े स्वास्थ्य संस्थानों में रेफर किया जाए। बुखार और सांस से संबंधित परेशानी होने पर हर उपकेंद्र पर ओपीडी शुरू हो।यदि किसी में कोरोना के संदिग्ध लक्षण दिखें तो स्वास्थ्य केंद्रों पर रैपिड एंटीजन टेस्ट किया जाए या फिर ऐसे मरीजों के सैंपल नजदीकी कोविड जांच सेंटर भेजे जाएं जिससे मरीजों को आसानी से ट्रैक किया जा सके। सरकार ने कहा है कि एएनएम को रैपिड एंटीजन टेस्ट करने की ट्रेनिंग दी जाए। सरकार ने कहा है कि स्वास्थ्य केंद्र और उप केंद्रों पर रैपिड एंटीजन टेस्ट की किट उपलब्ध कराई जाए। साथ ही मरीजों को यह सलाह दिया जाए कि जांच रिपोर्ट आने तक वह आइसोलेट रहें।गांव में कोरोना : गुजरात के गांवों में तेजी से फैल रहा कोविड, ग्रामीणों में बना हुआ है टीके से मृत्यु का भ्रमइन दिनों करीब 80-85% केस बिना लक्षणों वाले या बेहद कम लक्षणों वाले आ रहे हैं। ऐसे मरीजों को अस्पताल में भर्ती किए जाने की जरूरत नहीं है। इन्हें घरों या कोविड केयर फैसिलिटी में आइसोलेट किया जाए। मरीज होम आइसोलेशन के दौरान केंद्र की मौजूदा गाइडलाइंस का पालन करें। फैमिली मेंबर्स भी गाइडलाइन के हिसाब से ही क्वारैंटाइन हों
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