बंगाल हिंसा: एक लाख लोगों के पलायन पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, राज्य और केंद्र सरकार को नोटिस - मानवी मीडिया

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Tuesday, May 25, 2021

बंगाल हिंसा: एक लाख लोगों के पलायन पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, राज्य और केंद्र सरकार को नोटिस


नई दिल्ली (मानवी मीडिया): पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद हुई हिंसा में करीब 1 लाख लोगों के पलायन के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र सरकार को इस मामले पर नोटिस जारी किया है। जस्टिस विनीत शरण और जस्टिस बीआर गवई की हॉलीडे बेंच ने याचिकाकर्ता के वकील प़िकी आनंद की मांग पर राष्ट्रीय महिला आयोग और SC/ST आयोग को भी पक्षकार बनाने की मंजूरी दी है। इस मामले पर अब 7 जून को अगली सुनवाई होगी।

 चुनाव के बाद यह आरोप लगाए गए थे कि हिंसा के कारण बड़ी संख्या में बंगाल के लोग असम पलायन के लिए बाध्य हुए थे। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने असम के शिविरों में रह रहे लोगों से जाकर मुलाकात भी की थी। याचिका में मामले की SIT से जांच कराने की मांग की गई है। पलायन के शिकार हुए लोगों के पुनर्वास की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि राज्य में पुलिस व्यवस्था काम नहीं कर रही है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट अहम आदेश जारी करे।सुप्रीम कोर्ट में सामाजिक कार्यकर्ता और पीड़ित परिवारों की तरफ से दायर याचिका में कहा गया कि राज्य प्रायोजित हिंसा के कारण पश्चिम बंगाल में लोगों का पलायन एक गंभीर मानवीय मुद्दा है। यह लोगों के अस्तित्व का मामला है। इन लोगों को दयनीय परिस्थितियों में रहने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जो भारत के संविधान के अनुच्छेद-21 के तहत नागरिकों को मिले मौलिक अधिकार का साफतौर पर उल्लंघन है।पश्चिम बंगाल: जहां सत्ता बंदूक की नली से निकलती है - याचिका में कहा गया कि कि केंद्र सरकार को संविधान के अनुच्छेद-355 के तहत अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए राज्य को आंतरिक अशांति से बचाना चाहिए। याचिका में महिलाओं के साथ यौन शोषण का आरोप लगाते हुए उसकी अलग से जांच की मांग की गई है। इसी मामले में सोमवार को पूर्व अधिकारियों ने राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया था और सुप्रीम कोर्ट के जज से जांच कराने की मांग की

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