नोएडा (मानवी मीडिया): कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर आने की आशंका जताई जा रही है। ऐसा कहा जा रहा है कि यह लहर छोटे बच्चों को सबसे ज्यादा प्रभावित कर सकती है। वक्त पर बच्चों को इलाज मिल जाए, बेड और ऑक्सीजन के लिए कहीं भटकना न पड़े, इसके लिए यमुना अथॉरिटी ने एक बड़ा कदम उठाया है। यमुना एक्सप्रेस-वे के किनारे बच्चों के लिए दो अस्पताल बनाने की योजना है। यह अस्पताल 100-100 बेड के होंगे। अस्पताल बनाने के लिए अथॉरिटी प्राइवेट लोगों को जमीन देगी, लेकिन जमीन के साथ कुछ शर्तें जुड़ी होंगी। इसको पूरा करने पर ही जमीन दी जाएगी। यमुना अथॉरिटी ने भरोसा दिलाया है कि जल्द से जल्द अस्पताल का संचालन शुरू करा दिया जाएगा।यमुना अथॉरिटी से जुड़े अफसरों की मानें तो कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए यह कदम उठाया गया है। इसके तहत यमुना एक्सप्रेस-वे के किनारे सेक्टर 18 और 20 में 100-100 बेड के अस्पताल बनाए जाएंगे. अस्पताल प्राइवेट कंपनी बनाएगी, लेकिन शर्तों के साथ उन्हें जमीन देने का काम अथॉरिटी करेगी।
इसमें सबसे अहम शर्त यह है कि जमीन लेने वाली कंपनी को 8 से 10 महीने में असप्ताल बनाकर तैयार करना होगा, जिससे अगर कोरोना की तीसरी लहर आती है तो बच्चों के इलाज में किसी भी तरह की कोई कमी नहीं रह जाए