मुख्यमंत्री का जनपद मुजफ्फरनगर भ्रमण
मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के साथ
कोरोना प्रबन्धन,मुख्यमंत्री का जनपद मुजफ्फरनगर भ्रमण बचाव एवं उपचार कार्यो की समीक्षा की
जनपद मुजफ्फरनगर के इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर का निरीक्षण
मुख्यमंत्री ने ग्राम रामपुर में कंटेनमेंट जोन का निरीक्षण
कर निगरानी समिति के सदस्यांे व ग्राम वासियों के साथ संवाद किया
पुलिस लाइन में पुलिस कर्मियों के लिए बनाये गये
कोविड केयर सेन्टर/कोविड अस्पताल का निरीक्षण
कोविड को प्रत्येक दशा में मात देते के लिए हमें कोविड से
10 कदम आगे रहने की आवश्यकता
जनपद मुजफ्फरनगर में 04 ऑक्सीजन प्लाण्ट
पहले से संचालित, 06 नये ऑक्सीजन प्लाण्ट प्रस्तावित
जनपद में ‘108’ सेवा की 75 प्रतिशत एम्बुलेंस का
उपयोग कोविड कार्याें के लिए किया जाए
जनपद में पोस्ट कोविड वाॅर्ड संचालित करने के निर्देश, महिलाओं व
बच्चों के लिए डेडिकेटेड अस्पताल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए
विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं नीति आयोग द्वारा प्रदेश सरकार
के कोविड प्रबन्धन कार्याें की सराहना की गई
मुख्यमंत्री ने मीडिया प्रतिनिधियों से वार्ता की
प्रदेश में कोरोना संक्रमण के पाॅजिटिविटी रेट में लगातार कमी आ रही है
प्रदेश में एक समय पाॅजिटिविटी रेट 16.5 प्रतिशत था,
जो आज घटकर मात्र 3.5 प्रतिशत रह गया
प्रदेश में रिकवरी दर 90 प्रतिशत तक पहुंची
उ0प्र0, देश का सर्वाधिक कोविड जांच करने वाला राज्य,
अब तक 4.5 करोड़ कोविड टेस्ट किये जा चुके
अब तक 1.5 करोड़ से अधिक वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है, जिसमें 18 से 44 आयुवर्ग के 04 लाख 15 हजार लोगों को वैक्सीन की प्रथम डोज लगायी जा चुकी
प्रदेश में ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति अनवरत की जा रही
प्रदेश में 300 से अधिक ऑक्सीजन प्लाण्ट लगाये जा रहे
बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए पीडियाट्रिक आई0सी0यू0 (पीकू)
सभी जनपदों में स्थापित किये जा रहे हैं
ब्लैक फंगस के साथ ही पोस्ट कोविड हेतु अलग वाॅर्ड बनाकर
उनके लिए मुफ्त उपचार की व्यवस्था की जाए
राज्य सरकार ने समस्त पात्र गृहस्थी एवं अन्त्योदय कार्ड धारक सहित सभी जरूरतमन्दों को तीन माह तक निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराने का निर्णय लिया
श्रमिक, प्रतिदिन मजदूरी करने वाले, स्ट्रीट वेण्डर, कुली, माली, पल्लेदार,
नाई, धोबी, मोची इत्यादि सभी लोगों जो दिन प्रतिदिन की आजीविका पर आश्रित
हैं उनको 1,000 रु0 मासिक भरण पोषण भत्ता देने की स्वीकृति दी गयी है
लक्षणयुक्त तथा संक्रमण की दृष्टि से सं
दिग्ध व्यक्तियों को चिन्हित करते हुए उन्हें कोविड प्रोटोकाॅल के अनुरूप इलाज उपलब्ध कराने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाये
लखनऊ: (मानवी मीडिया)उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज जनपद मुजफ्फरनगर का भ्रमण कर वहां संचालित कोरोना प्रबन्धन, बचाव एवं उपचार कार्यों की समीक्षा की। इसके पूर्व, उन्होंने इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर (आई0सी0सी0सी0) का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री जी ने आई0सी0सी0सी0 में संचालित विभिन्न गतिविधियों को मौके पर परखा। उन्होंने आई0सी0सी0सी0 के कार्मिकों से होम आइसोलेशन के मरीजों से संवाद एवं टेलीकन्सलटेंसी, मेडिकल किट का वितरण आदि के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की लड़ाई में आई0सी0सी0सी0 की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसके माध्यम से कोरोना प्रबन्धन एवं नियंत्रण के कार्यों को कण्ट्रोल एवं माॅनीटर किया जा रहा है।
निरीक्षण के पश्चात मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के साथ आहूत एक बैठक में कोरोना प्रबन्धन, बचाव एवं उपचार कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सभी को कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में मजबूूती के साथ मनोबल बनाए रखते हुए कार्य करना है। टीम वर्क के साथ काम करने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि इससे बेहतर परिणाम प्राप्त होंगे। कोविड को प्रत्येक दशा में मात देते के लिए हमें कोविड से 10 कदम आगे रहने की आवश्यकता है। उन्हांेने कहा कि अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के मध्य संवाद कायम रहना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कोविड अस्पतालों में मरीजों को अच्छा उपचार, गुणवत्तापरक भोजन एवं स्वच्छ वातावरण उपलब्ध हो। इस बात पर विशेष ध्यान दिया जाए कि रोगियों को कोई दिक्कत न हो। जनपद में ‘108’ सेवा की 75 प्रतिशत एम्बुलेंस का उपयोग कोविड कार्याें के लिए किया जाए, ताकि किसी भी आपात स्थिति में एम्बुलेंस तत्काल मरीज तक पहंुच सके। होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों से निरन्तर संवाद एवं उन्हें मेडिकल किट की उपलब्धता प्रभावी तरीके से की जाए। जनपद में महिलाओं व बच्चों के लिए डेडिकेटेड अस्पताल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने जनपद में पोस्ट कोविड वाॅर्ड संचालित किये जाने के निर्देश भी दिये।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गांवों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए विशेष जांच अभियान संचालित किया जा रहा है। निगरानी समितियां एक्टिव मोड में कार्य कर रही है। विशेष अभियान के तहत घर-घर जाकर लक्षणयुक्त तथा संक्रमण की दृष्टि से संदिग्ध लोगों के तापमान तथा आॅक्सीजन लेवल की जांच की जा रही है। इन व्यक्तियों को मेडिकल किट का वितरण भी किया जा रहा है। वृहद स्तर पर हाउस टू हाउस सर्वे का कार्य चल रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं नीति आयोग द्वारा प्रदेश सरकार के कोविड प्रबन्धन कार्याें की सराहना की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमंे लोगांे को बताना होगा कि एण्टीजन टेस्ट में निगेटिव आने पर भी अगर लक्षण है, तो आर0टी0पी0सी0आर0 टेस्ट अवश्य कराएं। इस प्रकार से हम कोरोना संक्रमण को रोकने मे सफल होंगे। उन्हांेने निर्देश दिये कि प्रभावी काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग करते हुए शत-प्रतिशत काॅन्टैक्ट की टेस्टिंग की जाए। अगर कोई छूट गया तो संक्रमण फैलेगा। आर0आर0टी0 द्वारा घर-घर जाकर लक्षणयुक्त एवं संदिग्ध संक्रमित लोगों की जांच की जाए।
मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि जरूरतमन्द लोगों को कम्युनिटी किचन के माध्यम से भोजन उपलब्ध कराया जाये। स्वच्छता, सेनिटाइजेशन तथा फाॅगिंग का कार्य प्रभावी ढंग से किया जाए। उन्होंने निर्देश दिये कि 50 व्यक्तियों से अधिक क्षमता वाले उद्योगों व संस्थानों में कोविड केयर संेटर संचालित किया जाये, जिसका रख-रखाव सम्बन्धित संस्थान व उद्योग करंेगे। वहां आॅक्सीजन सिण्लेडर सहित अन्य मेडिकल व्यवस्थाएं सुनिश्चित करायी जाए।
इसके पश्चात मुख्यमंत्री जी ने मीडिया प्रतिनिधियों से वार्ता करते हुए कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के पाॅजिटिविटी रेट में लगातार कमी आ रही है। उन्होंने कहा कि पाॅजिटिविटी रेट एक समय प्रदेश में 16.5 प्रतिशत था, जो आज घटकर मात्र 3.5 प्रतिशत रह गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में अप्रैल माह के अन्त में 03 लाख 10 हजार एक्टिव केस थे, जो आज घटकर मात्र 01 लाख 49 हजार रह गये है। इस प्रकार विगत 16 दिनों में 01 लाख 61 हजार लोग कोरोना संक्रमण से स्वस्थ होकर अपने घरों को जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस समय रिकवरी दर 90 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश, देश में सर्वाधिक कोविड जांच करने वाला राज्य है। प्रदेश में अब तक 4.5 करोड़ कोविड टेस्ट किये जा चुके हैं। इस समय प्रदेश में कोविड टेस्ट कार्य युद्धस्तर पर जारी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अब तक 1.5 करोड़ से अधिक वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है, जिसमें 18 से 44 आयुवर्ग के 04 लाख 15 हजार लोगों को वैक्सीन की प्रथम डोज लगायी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि कोरोना के प्रथम चरण में एल-1 श्रेणी के 01 लाख 16 हजार बेड तथा एल-2 एवं एल-3 श्रेणी के 23 हजार बेड उपलब्ध थे। लेकिन द्वितीय चरण में संक्रमण दर तीव्र होने के कारण एल-2 एवं एल-3 श्रेणी के 80 हजार बेड उपलब्ध कराए गये हैं। आॅक्सीजन, रेमडेसिविर सहित अन्य जीवनरक्षक दवाओं की मांग में भी वृद्धि हुई है और सरकार ने इनकी पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की है। उन्होंने कहा कि आपदा के समय धैर्य ही हमारा मित्र होता है। हम लोगों को, डाॅक्टर, हेल्थवर्कर्स, फ्रण्टलाइन वाॅरियर्स तथा जनता के मनोबल को बढ़ाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में आॅक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति अनवरत की जा रही है। इस कार्य के लिए भारत सरकार के सहयोग पहली बार आॅक्सीजन एक्सप्रेस चलायी गयी तथा भारतीय वायु सेना के विमानों से आॅक्सीजन टैंकरों का परिवहन किया जा रहा है। आज प्रदेश में 1,000 मीट्रिक टन से अधिक, आॅक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। प्रदेश को मेडिकल आॅक्सीजन के सम्बन्ध में आत्मनिर्भर बनाने हेतु प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में कार्यवाही प्रारम्भ हुई है। प्रदेश में 300 से अधिक आॅक्सीजन प्लाण्ट लगाये जा रहे हैं। जनपद मुजफ्फरनगर में 04 आॅक्सीजन प्लाण्ट पहले से संचालित हैं तथा 06 नये आॅक्सीजन प्लाण्ट प्रस्तावित किये गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों को कोरोना संक्रमण से बचाने हेतु राज्य सरकार ने विगत 05 मई से निगरानी समितियों को सक्रिय कर दिया है, जो घर-घर जाकर स्क्रीनिंग का कार्य कर रही है। अभियान के तहत लक्षणयुक्त एवं संदिग्ध व्यक्तियों को मेडिकल किट उपलब्ध करायी जा रही है। साथ ही, लोगों को आवश्यकतानुसार होम आइसोलेशन में, क्वारण्टीन सेण्टर या कोविड हाॅस्पिटल में पहुंचाया जा रहा है। निगरानी समितियां लक्षणयुक्त एवं संदिग्ध व्यक्तियों की सूची आई0सी0सी0सी0 को उपलब्ध कराती हैं। आई0सी0सी0सी0 द्वारा 24 घण्टे में रैपिड रिस्पाॅस टीम को गांव में भेजकर लक्षणयुक्त लोगों का एन्टीजन टेस्ट कराया जा रहा है तथा उनके उपचार की व्यवस्था की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि थर्ड वेव की आशंका को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार पूरी तरह से सतर्क है। इसमें बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए पीडियाट्रिक आई0सी0यू0 (पीकू) सभी जनपदों में स्थापित किये जा रहे हैं तथा इसके कुशल संचालन के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किये गये हैं। उन्होंने कहा कि हाई रिस्क कैटेगरी वाले लोग, जिसमें 60 वर्ष से ऊपर के लोग, 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाएं, कमजोर इम्युनिटी तथा एक से अधिक बीमारी से ग्रसित लोग शामिल हैं, वह घर से बाहर न निकलें तथा घर में भी मास्क का उपयोग करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्लैक फंगस के कुछ मामले प्रदेश में प्रकाश में आये हैं। इसके लिए एडवाइजरी जारी की जा चुकी है। प्रदेश के सभी जनपदों में इसके उपचार की निःशुल्क व्यवस्था की गयी है। उन्होंने निर्देश दिये कि ब्लैक फंगस के साथ ही पोस्ट कोविड हेतु अलग वाॅर्ड बनाकर उनके लिए मुफ्त उपचार की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि हमारे लिए प्रत्येक व्यक्ति की जान महत्वपूर्ण है और उसकी ऊर्जा का उपयोग समाज व राष्ट्र के हित में किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने समस्त पात्र गृहस्थी एवं अन्त्योदय कार्ड धारक सहित सभी जरूरतमन्दों को तीन माह तक निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जरूरतमन्दों को प्रत्येक जनपद में कम्युनिटी किचन के माध्यम से भोजन की व्यवस्था करा रही है। इसके अलावा, श्रमिक, प्रतिदिन मजदूरी करने वाले, स्ट्रीट वेण्डर, कुली, माली, पल्लेदार, नाई, धोबी, मोची इत्यादि सभी लोगों जो दिन प्रतिदिन की आजीविका पर आश्रित हैं उनको 1,000 रुपये मासिक भरण-पोषण भत्ता देने की स्वीकृति दी गयी है।
मुख्यमंत्री ने सभी से अपील की कि समाज को जागरूक करने और इस महामारी से मजबूती से लड़ने के लिए प्रत्येक नागरिक की बड़ी भूमिका है। प्रत्येक व्यक्ति कोरोना प्रोटोकाल का पालन करें, अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकले, मास्क का सही तरीके से नियमित उपयोग करें तथा दो गज की दूरी का पालन करें, हम सभी के सहयोग से इस महामारी पर विजय आवश्य प्राप्त करेंगे।
मुख्यमंत्री ने जनपद के ग्राम रामपुर में कंटेनमेंट जोन का निरीक्षण कर निगरानी समिति के सदस्यांे व ग्रामवासियांे के साथ संवाद किया। उन्होंने कहा कि माॅस्क व सोशल डिस्टेंसिग का पालन प्रत्येक दशा में किया जाये। उन्होंने निर्देशित किया कि कंटेनमेंट जोन में सख्ती के साथ कोरोना प्रोटोकाॅल का पालन कराया जाए। उन्होंने कहा कि निगरानी समिति और अधिक सक्रिय होकर कार्य करें तथा लक्षणयुक्त तथा संक्रमण की दृष्टि से संदिग्ध व्यक्तियों को चिन्हित करते हुए उन्हें कोविड प्रोटोकाॅल के अनुरूप इलाज उपलब्ध कराने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। निगरानी समितियां स्क्रीनिंग का कार्य करें तथा बिना देर किए मरीज को मेडिकल किट उपलब्ध करायी जाए।
मुख्यमंत्री द्वारा पुलिस लाइन में पुलिस कर्मियों के लिए बनाये गये कोविड केयर सेन्टर/कोविड अस्पताल का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान आवययक दिशा निर्देश भी दिये।
इस अवसर पर केन्द्रीय राज्यमंत्री मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी संजीव कुमार बालियान, प्रदेश के व्यवसायिक शिक्षा, कौशल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।