चंडीगढ़ (मानवी मीडिया): पंजाब सरकार द्वारा कोविड महामारी में अनाथ होने वाले सभी बच्चों के साथ-साथ कमाने वाले सदस्य गंवा चुके सभी परिवारों को 1 जुलाई, 2021 से 1500 रुपए प्रति माह सामाजिक सुरक्षा पैंशन और ग्रेजुएशन तक मुफ़्त शिक्षा मुहैया करवाई जाएगी। इस अभूतपूर्व महामारी में जो बच्चे मां-बाप से महरूम हो गए, उन बच्चों के पालन-पोषण करने को राज्य सरकार का फर्ज बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ऐसे बच्चों के साथ-साथ उन परिवारों के बच्चों, जिनके कमाने वाले सदस्य कोविड के कारण मर गए, के लिए सरकारी संस्थाओं में मुफ़्त शिक्षा यकीनी बनाएगी। कोविड की स्थिति की समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पीड़ित व्यक्ति एक जुलाई से आशीर्वाद स्कीम के अंतर्गत 51000 रुपए की राशि के योग्य होंगे और राज्य की स्मार्ट राशन कार्ड स्कीम के अंतर्गत मुफ़्त राशन के लिए भी हकदार होंगे और इसके अलावा सरबत सेहत बीमा योजना के दायरे में भी आएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पीडि़त परिवारिक सदस्यों को ‘घर-घर रोजग़ार और कारोबार मिशन’ के अंतर्गत उपयुक्त नौकरी दिलाने में सहायता करेगी।
अनाथ बच्चों को 21 साल की उम्र होने तक यह राहत मुहैया करवाई जाएगी। जहाँ तक किसी परिवार के कमाने वाले सदस्य के गुजऱ जाने का सम्बन्ध है तो उस मामले में तीन साल के शुरुआती समय में यह राहत मुहैया करवाई जाएगी, जिसके बाद उनकी हालत को फिर से जाँचा जाएगा और यदि हालत पहले की तरह ही रही, तो उस सूरत में यह राहत उचित समय के लिए बढ़ाई जा सकती है।
मुख्यमंत्री ने सामाजिक सुरक्षा और महिला एवं बाल विकास मंत्री के नेतृत्व में निगरानी समिति के गठन का ऐलान किया है जो हर केस में राहत कार्यों और प्रगति की समीक्षा करेगी। यह समिति एक माह में कम-से-कम एक बार मीटिंग करेगी।
सामाजिक सुरक्षा और महिलाएं एवं बाल विकास विभाग कोविड पीडि़त व्यक्तियों के लिए राहत कार्यों को अमल में लाने के लिए नोडल विभाग होगा। यह समिति ऐसे सभी प्रभावित व्यक्तियों का रिकॉर्ड रखेगी और उनको दी जा रही राहत बारे अवगत करवाएगी। इसके अलावा यह समिति अपेक्षित राहत उपलब्ध न होने तक संबंधित विभागों के साथ तालमेल करेगी