लखनऊ (मानवी मीडिया)जब भारत कोरोना जैसे खतरनाक महामारी से जूझ रहा था मेडिकल सिस्टम ध्वस्त हो चुका था।अस्पतालो में चीखें सुनाई दे रही थीं श्मशान घाट फुल हो चुका था इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जवाब दे चुका था।कब्रिस्तान पर कबर खोदने वाले थक चुके थे पुलिस प्रशासन मीडिया कर्मी सड़को पर उतर कर लोगो को दुख से निकालने का प्रयास कर रहे थे।विदेश भारत की मदद करने के लिए विदेशो से ऑक्सीजन उपकरण इंजेक्शन आदि सेवा उपलब्ध करवा रहा था तो वहीं हमारे ही भारत देश के कुछ गद्दार देश द्रोही अपने ही देश को खोखला बना कर जो मर रहा था उसी के परिवार के साथ काला बाजारी करने में जुट चुके थे।लाखो का ऑक्सीजन लाखो का रेमिडेशिविर इंजेक्शन व उपकरणो की मुहं मागा रकम वसूल कर रहे थे।
यहां तक की अस्पतालो में बेड के लिए लाखो रूपये का डिमांड भी कर रहे थे।
हम बात करें तो कई निजी अस्पताल पर किडनी निकालने का महिलाओ का जेवर जब्त करने का भी आरोप पब्लिक ने लगाया है।पर जैसे ये सब बात लीक हुई शासन-प्रशासन हरकत में आई और पुलिस ने इन गद्दारो की धर पकड़ करनी शुरू कर दी और कई ऐसे गैंग का पर्दाफाश करके जेल भेज दिया गया।
काला बाजारी सिर्फ ऑक्सीजन य इंजेक्शन की ही नही हुई है लकड़ी से लेकर मुर्दा सामग्री तक खाद्य पदार्थ से लेकर शराब सिगरेट पान मसाला तक हुआ है।
यहां तक कि श्मशान घाट पर शव के कपड़े यानी कुछ लोग कफन भी चुरा कर बेच रहे थे पुलिस ने उनको भी हवालात में डाला है।
अब जरा सोचिए और विचार करिये कि हम अपने देश को बड़े गर्व से भारत महान बोलते हैं।
हम भारतवासी हैं इस पर हमें नाज होता है हमारे देश के कुछ जवान देश की सीमा पर खड़े होकर आतंकवाद से बचाते हैं तो कुछ पुलिस के जवान थाना चौकी पर तैनात होकर अपने ही देश मे बैठे अपराधी भ्रष्टाचारी से से बचाने के लिये हमे सुरक्षित रखने के लिये अपने जान की बाजी लगा देते हैं।
पर ये देश द्रोही देश के गद्दारो ने ये साबित कर दिया कि दुनिया एक तरफ कोरोना के भय से ये सोच रही थी की बचेंगे य नही तो वहीं ये गद्दार अपने आपको अपने परिवार को शायद अमृत पिला लिये थे इनको न कोई अपने मौत की चिंता न परिवार के स्वास्थ्य की चिंता ना पुलिस प्रशासन का भय और लग चुके थे अपने ही देश को काला बाजारी का धंधा बना कर लूट कर देश को कमजोर करने के फिराक में।
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