प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के बीच वर्चुअल शिखर बैठक में ये महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये। बैठक में आठ अन्य करारों पर भी हस्ताक्षर किये गये जिनमें भारत ब्रिटेन वैश्विक नवान्वेषण साझीदारी करार, प्रवासन एवं आवागमन साझीदारी करार, डिजीटल एवं प्रौद्योगिकी, दूरसंचार एवं सूचना संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में सहयोग के लिए संयुक्त घोषणापत्र, सीमाशुल्क संबंधी मामलों में परस्पर प्रशासनिक सहयोग का समझौता, ऊर्जा सुरक्षा परिदृश्य के आकलन के लिए संयुक्त प्रयासों के सिद्धांतों का वक्तव्य तथा चिकित्सा संबंधी उत्पादों के विनियमन तथा फार्माकोपियल क्षेत्र में सहयोग के करार शामिल हैं।
जाॅनसन की भारत यात्रा के दो बार कार्यक्रम बने थे लेकिन दोनों बार कोविड की स्थिति के कारण यात्रा स्थगित करनी पड़ी। जॉनसन गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में आने वाले थे लेकिन ब्रिटेन में कोविड की स्थिति भयानक हो गयी थी। फिर अप्रैल में आने का कार्यक्रम बना तो भारत में स्थिति बिगड़ गयी।
बैठक के बाद मोदी ने कहा कि उनकी जॉनसन के साथ वार्तालाप बहुत सार्थक एवं सफल रही। हमने भारत एवं ब्रिटेन के संबंधों को 2030 तक समग्र रणनीतिक साझीदारी के स्तर तक ले जाने के लिए एक महत्वाकांक्षी रोडमैप को स्वीकृति प्रदान की है। उन्होंने कहा, “हम दोनों देशों के बीच एक समग्र मुक्त व्यापार समझौते के रोडमैप के रूप में विस्तारित व्यापार साझीदारी की शुरुआत का स्वागत करते हैं जिसका लक्ष्य 2030तक हमारे द्विपक्षीय व्यापार को दोगुने के स्तर पर ले जाना है। हमने स्वास्थ्य, प्रौद्योगिकी एवं ऊर्जा आदि के क्षेत्र में कई नये कदमों पर भी सहमति व्यक्त की है।” प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने कोविड-19 महामारी के लिए सहयोग पर चर्चा की तथा जलवायु परिवर्तन संबंधी पेरिस सम्मेलन के लक्ष्यों को लेकर भी प्रतिबद्धता दोहरायी।