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Sunday, May 16, 2021

कोरोना की दूसरी लहर पर लगी ब्रेक! लॉकडाऊन और सख्त प्रतिबंधों से संक्रमण दर में आने लगी कमी


नई दिल्‍ली (मानवी मीडिया): देश में कोरोना की दूसरी लहर अब थमती दिखाई दे रही है। केंद्र सरकार की ओर से शनिवार को राहत भरी खबर देते हुए बताया गया कि देश में कोरोना के संक्रमित मरीजों की संख्‍या तेजी से कम हो रही है। हालांकि सरकार ने चेतावनी देते हुए कहा कि ब्लैक फंगस यानी म्यूकरमाइकोसिस (Mucormycosis) से बचने की जरूरत है, क्‍योंकि इसके कारण कोरोना से होने वाली मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है

केंद्र सरकार का कहना है कि कोरोना संक्रमण को लेकर स्थिति स्थिर हो रही है। साथ ही कहा, हम यह भी सुनिश्चित करने की दिशा में काम करेंगे कि कोरोना वायरस का तांडव आगे और स्थिर हो और संक्रमण के मामलों में तेजी से गिरावट दर्ज की जाए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश में शुक्रवार से सक्रिय मामलों में कमी आ रही है, जबकि ठीक होने वाले मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है। राज्यों में लगे सख्त प्रतिबंधों और लॉकडाऊन के कारण संक्रमण दर में कमी आने लगी है।मंत्रालय के मुताबिक, पिछले सात दिनों में (8 से 14 मई) के बीच 36 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में से 22 राज्यों में नए मामलों में गिरावट दर्ज की गई है। हरियाणा, महाराष्ट्र, गुजरात और छत्तीसगढ़ में नए कोरोना मामलों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। इनमें से 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में नए मरीजों में 10 फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है। दिल्ली में पिछले सात दिनों में नए मामलों में 39 फीसदी की गिरावट आई। वहीं छत्तीसगढ़ में 31 फीसदी, उत्तर प्रदेश में 29 फीसदी, बिहार में 27 फीसदी, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में 21 फीसदी और झारखंड 20 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई है। नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा कि ब्‍लैक फंसग की रोकथाम के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। डॉ. पॉल ने कहा, मधुमेह रोगी को इससे सधिक खतरा है, इसलिए मधुमेह को नियंत्रित करें क्योंकि इससे मृत्यु दर का जोखिम बढ़ जाता है। यह तब अधिक होता है जब कोविड मरीजों को स्टेरॉयड दिए जा रहे हों। स्टेरॉयड को जिम्मेदारी से दिया जाना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि ब्‍लैक फंगस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और कई राज्‍यों में 400 से 500 केस सामने आ चुके हैं।डॉ. वीके पॉल ने कहा कि इस बीमारी से कैसे लड़ना है इसके बारे में अभी हमें ज्‍यादा जानकारी नहीं है। ये एक उभरती हुई समस्‍या है और ICMR ने डेटा एकत्र करना शुरू कर दिया है। हमने राज्यों से इस पर नजर रखने को भी कहा है

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