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Tuesday, May 4, 2021

5G इंटरनेट टावर परिक्षण पर प्रतिबंध लागने की मांग, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर


नई दिल्ली (मानवी मीडिया) : देश में कोरोना संक्रमण बहुत ही तेजी से फैल रहा है। भारत दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है जहां एक दिन में 4 लाख से अधिक संक्रमण के मामले सामने आए हैं। देश में तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण को लेकर सोशल मीडिया पर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। इन्हीं से एक दावा यह है कि 5जी की टेस्टिंग के कारण कोरोना फैल रहा है। एक दावा यह भी है कि कोरोना जैसी कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह 5जी रेडिएशन के कारण हो रहा है।

 इसी बीच भारत में 5G इंटरनेट टावर परिक्षण पर प्रतिबंध लागने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। इस याचिका को वकील AP सिंह ने दायर किया है। याचिका में कहा कि भारत सहित आज दुनिया भर में 5G नेटवर्क का विरोध किया जा रहा है। 5G नेटवर्क धरती के लिए एक बहुत बड़ा खतरा हैं, लेकिन मोबाइल कंपनियों ने 5 जी स्मार्टफोन बेचना शुरू कर दिया है।याचिका में कहा कि 5G इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता के लिए सबसे बड़ा खतरा है, उपयोगकर्ताओं के डेटा को आसानी से हैक भी हो सकता है। इसके साथ यह भी कहा गया है कि नीदरलैंड में परीक्षण के दौरान सैकड़ों पक्षियों की अचानक मौत हो गई थी, हेग शहर में 5G नेटवर्क के परीक्षण के दौरान लगभग 300 पक्षियों की मौत हो गई, जिनमें से 150 पक्षियों की परीक्षण शुरू होने के बाद मौत हुई।भारत में 5G टेस्टिंग पर बैन लगाने की उठी मांग, सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई याचिका, जानें क्या है पूरा मामलायाचिका में कहा कि वर्ष 2018 में, चीनी कंपनी हुवावे ने गुरुग्राम, हरियाणा में 5जी इंटरनेट का परीक्षण किया था। इसमें कहा गया कि 5G नेटवर्क की तकनीक में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन का उपयोग किया जाता है, इससे कैंसर का खतरा भी बहुत बढ़ जाता है, गर्भावस्था के दौरान मोबाइल रेडिएशन से महिलाओं के साथ-साथ बच्चे पर भी असर पड़ता है। याचिका में कहा 5G नेटवर्क आतंकियों के लिए मददगार होगा और देश की सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा है।

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