वहीं, दूसरी ओर लोगों के मन में ये सवाल बना हुआ है कि ये सेवा भारत में कब शुरू होगी? कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि जियो इस साल की दूसरी छमाही में इसे लॉन्च कर सकती है, हालांकि सब कुछ ट्रायल पर ही निर्भर करेगा। 5जी तकनीक और स्पेक्ट्रम का ट्रायल शुरू करने वाली कंपनियों में भारती एयरटेल, रिलायंस जियो, वोडाफोन आईडिया और एमटीएनएल शामिल हैं। इन कंपनियों ने मूल उपकरण निर्माताओं और तकनीक मुहैया कराने वाली कंपनियों (नोकिया, एरिक्सन, सैमसंग और सी डॉट) से हाथ मिलाया है।
भारती एयरटेल ने इस साल की शुरुआत में हैदराबाद में 5जी नेटवर्क की घोषणा की थी। जिसमें लिबरालाइज्ड स्पेक्ट्रम 1800 मेगाहर्ट्ज बैंड में एनएसए (नॉन स्टैंड अलोन) नेटवर्क तकनीक का इस्तेमाल हुआ। इस दौरान ट्रायल में पता चला कि 5जी की स्पीड 4जी से 10 गुना ज्यादा थी, जहां डाउनलोड स्पीड 310 MB प्रति सेकंड तक गई, जबकि अपलोड की स्पीड 65 MBPS के करीब रही। विशेषज्ञों की मानें तो 5जी की स्पीड 100 MB पर सेकंड से ज्यादा मिलनी तय है, लेकिन विशेष उपकरणों की मदद से इसे 1000 MBPS तक पहुंचाया जा सकता है।
गौरतलब है कि रिलायंस जियो 5जी
ट्रायल में अपनी खुद की विकसित की गई तकनीक का इस्तेमाल भी करेगी। बता दें
कि वर्तमान में ट्रायल की अवधि छह महीने की है। इस 5जी ट्रायल के लिए उपकरण
खरीदने और उन्हें लगाने के लिए दो महीने का समय भी इसी अवधि में शामिल
रहता है।