लखनऊ(मानवी मीडिया) महामारी के बीच, CII उत्तर प्रदेश ने आज के समय के दौरान इलेक्ट्रॉनिक्स महत्व पर एक सम्मेलन का आयोजन किया, जिसमें देश भर के विषय विशेषज्ञों ने नीतिगत मामलों, चुनौतियों और इस क्षेत्र से संबंधित अवसरों पर विचार-विमर्श किया।
CII वेस्टर्न यूपी जोनल काउंसिल के अध्यक्ष सुदीप गुप्ता
ने कहा कि महामारी ने स्थानीय और विविध आपूर्ति श्रृंखला की आवश्यकता
को रेखांकित किया है क्योंकि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला बुरी तरह प्रभावित
हुई है। उन्होंने यह साझा करते हुए बताया कि यद्यपि भारत परंपरागत रूप से
इलेक्ट्रॉनिक्स का आयातक रहा है परन्तु नई इलेक्ट्रॉनिक्स
नीति और PLI योजनाओं के साथ ही एक बड़े उपभोक्ता आधार के लाभ, डिजिटलीकरण
की ओर झुकाव, स्मार्ट शहरों और सरकार की डिजिटल भारत की पहल के अंतर्गत देश
वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में स्थान
बनाने की ओर अग्रसर है।
डिक्सन टेक्नोलॉजीज इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष सुनील वचानी
ने उल्लेख किया कि दुनिया इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण के लिए चीन के विकल्प की
तलाश कर रही है और हमारे पास एक बड़ा अवसर है। उन्होंने यह भी साझा किया
कि मौजूदा आईसीटी
निर्यात 13 बिलियन अमरीकी डालर पर है जो अगले 5 वर्षों में 100 बिलियन
यूएसडी तक बढ़ने की आशंका है। श्री वचानी ने उल्लेख किया कि पीएलआई योजना एक
अद्वितीय प्रस्ताव है, हालांकि इस क्षेत्र में अन्य चुनौतियों भी है जैसे
उच्च रसद लागत, उच्च वित्त लागत, घटक पारिस्थितिकी
तंत्र की कमी, भूमि की उपलब्धता, कौशल विकास, प्रोत्साहन का समय पर वितरण
और साथ ही क्लस्टर विकास की आवश्यकता। राज्य-विशिष्ट प्रोत्साहन आगे
उद्यमिता को बढ़ावा देंगे।
विनोद शर्मा, चेयरमैन, नेशनल कमेटी फॉर आईसीटीई एंड मैनेजिंग डायरेक्टर, डेकी इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड
ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक्स विश्व स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ने वाला
क्षेत्र है और कार, ड्रोन, सीसीटीवी सभी इलेक्ट्रॉनिक
प्रौद्योगिकी के उपहार हैं। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि भारत
में प्रति-व्यक्ति इलेक्ट्रॉनिक उपभोग दुनिया की तुलना में एक-तिहाई है और
वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन में इसका 3% हिस्सा है।
सम्मेलन में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण, ऊर्जा
दक्षता, ई-वैस्ट के प्रबंधन, वैक्यूम प्रौद्योगिकी के उपयोग, स्वचालन और
स्मार्ट निर्माण के साथ-साथ आपूर्ति श्रृंखला और रसद के एकीकरण पर
विचार-विमर्श भी किया गया।