नई दिल्ली (मानवी मीडिया): सीबीएसई 12वीं की लंबित बोर्ड परीक्षाओं के आयोजन को लेकर आज केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक', रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अन्य केंद्रीय मंत्रियों ने कई राज्यों के शिक्षा मंत्रियों और शिक्षा सचिवों के साथ वर्चुअल बैठक की। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सीबीएसई की 12वीं की परीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा। हालांकि, परीक्षा के फॉर्मेट में बदलाव किया जा सकता है। इस बैठक में सभी राज्यों ने परीक्षाएं आयोजित करने के लिए अपने पक्ष रखे और सुझाव साझा किए। जानकारी मिली है कि सरकार ने परीक्षाएं रद्द न करने का फैसला किया है। परीक्षाएं जुलाई में आयोजित की जा सकती हैं, जिसकी आधिकारिक घोषणा केंद्रीय शिक्षामंत्री रमेश पोखरियाल निशंक 01 जून को करेंगे।
परीक्षा को लेकर सीबीएसई ने दिए 2 विकल्प
12वीं और एंट्रेंस परीक्षा को लेकर सीबीएसई ने 12वीं की परीक्षा के लिए दो ऑप्शन का प्रस्ताव रखा है, जिसके साथ सीबीएसई ने कहा कि राज्य बोर्डों को अपना निर्णय लेने की अनुमति है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने पहला ऑप्शन दिया है कि वह केवल प्रमुख विषयों के लिए कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा आयोजित की जाए। बोर्ड 12वीं के 174 विषय में परीक्षा का आयोजन करता है, जिनमें से लगभग 20 विषय ऐसे है जो सीबीएसईकी ओर से महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इनमें भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित, जीव विज्ञान, इतिहास, राजनीति विज्ञान, व्यवसाय अध्ययन, लेखा, भूगोल, अर्थशास्त्र और अंग्रेजी विषय शामिल हैं।दूसरे ऑप्शन के तहत, जिसमें केवल 45 दिन लगेंगे, सीबीएसई ने कहा कि कक्षा 12वीं के छात्र महत्वपूर्ण विषय की परीक्षा में अपने स्कूलों में बैठें (सेल्फ सेंटर) में दे सकते हैं। सीबीएसई ने कहा, 12वीं की परीक्षाएं छात्रों के स्कूलों में ही आयोजित की जाती है तो 3 घंटे की बजाए परीक्षाएं 1.5 घंटे की हों। साथ ही स्कूल में ही कॉपियां चेक की जाएं। अगर ये दूसरे ऑप्शन के माध्यम से परीक्षा का आयोजन किया जाए तो प्रश्न पत्र में ऑब्जेक्टिव और शॉर्ट टर्म प्रश्न ही पूछे जाने चाहिए। वैकल्पिक विषयों में प्रदर्शन के आधार पर पांचवें और छठे विषयों के अंक तय किए जाएंगे। सूत्रों के अनुसार, सीबीएसई12वीं की परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। परीक्षा का आयोजन किस फॉर्मेट में कब और कैसे होगा, इसके बारे में जानकारी शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक 1 जून को देंगे। वहीं 1 जून को 12वीं सीबीएसई परीक्षा की तारीखों का ऐलान किया जाएगा।कई राज्यों ने किया विरोध
इस फैसले को लेकर कई राज्यों ने अपना विरोध जताया है। दिल्ली शिक्षा मंत्री ने बैठक को लेकर जानकारी साझा करते हुए कहा कि कई राज्यों ने किसी भी प्रक्रार की परीक्षा के आयोजन का विरोध किया और इन राज्यों द्वारा 'जीरो एग्जाम' की मांग की गयी। दूसरी तरफ, महाराष्ट्र की शिक्षा वर्षा गायकवाड़ ने कहा कि स्टूडेंट्स को सुरक्षित वातावरण देना हमारी पहली प्राथमिकता है। कोविड-19 महामारी की दूसरी चल रही है और तीसरी लहर भी आने की संभावना है।