मुंबई (मानवी मीडिया): भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को बैंकों को बड़ी राहत देते हुए कहा कि गैर निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) के लिए विशिष्ट प्रावधान बनाने के लिए बैंक अब 31 दिसंबर, 2020 तक उनके पास मौजूद अस्थायी प्रावधानों का शत प्रतिशत उपयोग कर सकते हैं। बैंकों पर महामारी से संबंधित तनाव को कम करने और पूंजी संरक्षण को सक्षम करने के उपाय तौर पर यह कदम उठाया गया है। ऐसे उपयोग को 31 मार्च 2022 तक करने की अनुमति है।भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कोविड-19 के संक्रमण की दूसरी लहर के खिलाफ देश की लड़ाई में सहयोग देने के लिए कई उपायों की घोषणा की। आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच को आसान बनाते हुए कोविड से संबंधित स्वास्थ्य अवसंरचना और सेवाओं में तेजी लाने के लिए के लिए रेपो दर पर 3 साल तक के कार्यकाल के साथ 50,000 करोड़ रुपये की टर्म लिक्विडिटी सुविधा प्रदान की गई है। वहीं राज्य सरकारों के लिए एक तिमाही में ओवरड्राफ्ट के दिनों की अधिकतम संख्या 36 से बढ़ाकर 50 दिन कर दी गई है।
Post Top Ad
Thursday, May 6, 2021
एनपीए के लिए अस्थायी प्रावधानों का 100 फीसदी इस्तेमाल कर सकेंगे बैंक
मुंबई (मानवी मीडिया): भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को बैंकों को बड़ी राहत देते हुए कहा कि गैर निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) के लिए विशिष्ट प्रावधान बनाने के लिए बैंक अब 31 दिसंबर, 2020 तक उनके पास मौजूद अस्थायी प्रावधानों का शत प्रतिशत उपयोग कर सकते हैं। बैंकों पर महामारी से संबंधित तनाव को कम करने और पूंजी संरक्षण को सक्षम करने के उपाय तौर पर यह कदम उठाया गया है। ऐसे उपयोग को 31 मार्च 2022 तक करने की अनुमति है।भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कोविड-19 के संक्रमण की दूसरी लहर के खिलाफ देश की लड़ाई में सहयोग देने के लिए कई उपायों की घोषणा की। आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच को आसान बनाते हुए कोविड से संबंधित स्वास्थ्य अवसंरचना और सेवाओं में तेजी लाने के लिए के लिए रेपो दर पर 3 साल तक के कार्यकाल के साथ 50,000 करोड़ रुपये की टर्म लिक्विडिटी सुविधा प्रदान की गई है। वहीं राज्य सरकारों के लिए एक तिमाही में ओवरड्राफ्ट के दिनों की अधिकतम संख्या 36 से बढ़ाकर 50 दिन कर दी गई है।
Post Top Ad
Author Details
.