नई दिल्ली (मानवी मीडिया) : देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर फैली हुई है, जो खतरनाक तरीके से संक्रमण फैला रही है। देश में कोरोना वायरस के दैनिक मामलों ने अमेरिका को भी पछाड़ दिया है। पिछले कई दिनों में देश में कोरोना वायरस के दैनिक मामले तीन लाख से ज्यादा आ रहे हैं और दो हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है। वहीं देश में ऑक्सीजन जैसी जरूरी चीजों की कमी देखी जा रही है। ऑक्सीजन के साथ-साथ देश में कोरोना की दवा रेमडेसिविर और ऑक्सीजन सिलिंडर से संबंधित कई मेडिकल उपकरणों की भी किल्लत है। हालांकि सख्त कर्फ्यू और आंशिक लॉकडाउन का असर देखने को मिल रहा है। वहीं कोविड-19 के बढ़ते मामलों से जूझ रहे भारत को अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने चिकित्सा उपकरण और सामग्री भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। एक ओर जहां ब्रिटेन में उपकरण भेजे हैं तो वहीं फ्रांस ने भी ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए हाथ बढ़ाया है। उधर बाइडन प्रशासन ने भी कहा है कि वह भारत को मदद उपलब्ध कराने के लिए 24 घंटे काम कर रहा है।
ब्रिटेन ने भारत को जीवनरक्षक सहायता की पहली खेप भेजी है, जो मंगलवार को नई दिल्ली पहुंच गई। इसमें 100 वेंटिलेटर और 95 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जैसी चीजें शामिल हैं। लंदन ने साथ ही कहा कि अभी इस सप्ताह भेजी जाने वाली और भी खेप जुटाई जा रही है। वहीं फ्रांस ने कहा कि वह भारत को 'पर्याप्त चिकित्सा सहायता' की आपूर्ति करेगा ताकि देश को कोरोनोवायरस संक्रमण की एक बड़ी लहर से निपटने में मदद मिले। भारत में होने वाले शिपमेंट में ऑक्सीजन जनरेटर, रेस्पिरेटर और क्रायोजेनिक कंटेनर शामिल होंगे, जो अगले सप्ताह के अंत में शुरू हो जाएगा।भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुअल लेनिन ने इस बाबत ट्वीट किया। उन्होंने कहा कि 'अगले कुछ दिनों में फ्रांस, भारत को न केवल तत्काल राहत प्रदान करेगा, बल्कि दीर्घकालिक क्षमता वाली मदद भी करेगा। इमैनुअल ने कहा, 'फ्रांस भारत को 8 उच्च क्षमता ऑक्सीजन जनरेटर, प्रत्येक 250 बेड के लिए साल भर ऑक्सीजन, 5 दिनों के लिए 2, 000 रोगियों को लिक्विड ऑक्सीजन, आईसीयू के लिए 28 वेंटिलेटर और उपकरण भेजेगा।'इसके अलावा यूरोपीय संघ ने भी भारत को मदद का आश्वासन दिया है। वहीं, ऑस्ट्रेलिया के स्वास्थ्य मंत्री ग्रेग हंट ने आज कहा कि उनका देश भारत को ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और पीपीई किट भेजेगा। सऊदी अरब ने भारत को 80 मीट्रिक टन तरल ऑक्सीजन भेजी है। वहीं, शनिवार को भारतीय वायुसेना सिंगापुर से चार क्रायोजेनिक टैंक लेकर भारत पहुंची थी जिनका इस्तेमाल प्राणवायु (ऑक्सीजन) के परिवहन में किया जाएगा।अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने सोमवार को कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई में एकजुटता का भाव प्रदर्शित करते हुए कहा कि उनका देश संकट के इस समय में साथ खड़ा है और औषधियों, वेंटिलेटर तथा कोविशील्ड टीके के निर्माता के लिए आवश्यक कच्चा माल सहित अन्य संसाधनों को मुहैया कराने के लिए कटिबद्ध है।बाइडन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ टेलीफोन पर हुई चर्चा के दौरान अमेरिका की ओर से हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया। इस दौरान दोनों नेताओं ने अपने-अपने देशों में कोविड-19 महामारी की ताजा लहर से उत्पन्न स्थिति और टीकाकरण के जारी प्रयासों सहित संक्रमण के रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर भी चर्चा की।व्हाइट हाउस ने बताया कि बाइडन ने मोदी से कहा कि अमेरिका और भारत कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में निकटता से मिलकर काम करेंगे।व्हाइट हाउस ने फोन पर हुई बातचीत की जानकारी मुहैया कराते हुए कहा, ‘राष्ट्रपति ने कोविड-19 मामलों में हालिया बढ़ोतरी से प्रभावित भारत के लोगों को अमेरिका की ओर से लगातार समर्थन दिए जाने का संकल्प लिया।’व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिका ऑक्सीजन संबंधी आपूर्ति, टीके संबंधी सामग्री और चिकित्सा संबंधी सामग्री समेत आपात सहायता मुहैया करा रहा है। उसने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के बीच मजबूत सहयोग की सराहना की। दोनों नेताओं ने संकल्प लिया कि अमेरिका एवं भारत अपने नागरिकों और अपने समुदायों के स्वास्थ्य की रक्षा के प्रयासों के लिए कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे।’ भारत में कोविड-19 की ताजा लहर के बाद दोनों नेताओं ने पहली बार फोन पर बात की है।