इस संदर्भ में राज्य सहकारी बैंक को नोटिस जारी किया गया था। बैंक के
जवाब पर विचार करने और व्यक्तिगत सुनवाई का मौका देने के बाद आरबीआई इस
निष्कर्ष पर पहुंचा कि बैंक पर आरोप महत्वपूर्ण है और उस पर जुर्माना लगाए
जाने की जरूरत है।
आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि बैंक में जमा किए गए ग्राहकों के पैसों पर कोई असर नहीं होगा। RBI के मुताबिक, बैंकों के खिलाफ लिया गया इस तरह का एक्शन नियामकीय अनुपालनों में कमियों पर आधारित है। इसका मकसद बैंकों और ग्राहकों के बीच किसी तरह के ट्रांजेक्शन या करार की वैधता पर फैसला देने का नहीं है। ऐसे में स्पष्ट है कि इन इस बैंक के ग्राहकों के पैसों पर इस कार्रवाई का कोई असर नहीं पड़ने वाला है।
बता दें कि हाल के कुछ वर्षों में घोटालों और नियमों की अनदेखी के चलते आरबीआई को-ऑपरेटिव बैंकों पर जुर्माना और पाबंदी लगाते आया है। इसी साल जनवरी में आरबीआई ने व्यावसायिक सहकारी बैंक मर्यादित पर 5 लाख रुपए और महाराष्ट्र नागरी सहकारी बैंक मर्यादित पर 2 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। केवाईसी (KYC) और कुछ अन्य मानदंडों के उल्लंघन को लेकर दोनों को-ऑपरेटिव बैंकों पर 7 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया था।
इसके अलावा, इस महीने RBI ने नवंबर 2016 में नोटबंदी के दौरान केवाईसी (KYC) पर जारी निर्देशों और चलन से हटाए गए नोटों को बदलने से जुड़े दिशानिर्देशों का पालन नहीं करने को लेकर बिहार अवामी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया।