नई दिल्ली (मानवी मीडिया): दिल्ली हिंसा केस में जेल भेजे गए जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद को दिल्ली की कड़कड़डुमा कोर्ट ने जमानत दे दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने इस मामले को लेकर कई बातें कही हैं। कोर्ट ने कहा कि उमर खालिद को सिर्फ इसलिए कैद में नहीं रखा जा सकता है कि कोई भीड़ में देखा गया था। उसे सिर्फ इस आधार पर अरेस्ट भी नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा है कि कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए खालिद को अपने मोबाइल में आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड कर रखना होगा। उमर खालिद को बीस हजार रूपए के निजी मुचलके पर जमानत दी गई है। कोर्ट ने उमर खालिद को कुछ शर्तों के साथ जमानत दी , जिसमें कहा गया है कि वह कोर्ट में होने वाली हर तारीख पर पेश होगा। साथ ही सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेगा और ना ही गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश करेगा। इसके अलावा और समाज में शांति और सौहार्द बनाए रखने में सहयोग करेगा। उमर खालिद को कोर्ट निर्देश दिया है कि वह खजूरी खास के एसएचओ को अपना मोबाइल नंबर देगा और हर वक्त मोबाइल नंबर को ऑन रखेगा। इसके अलावा कोर्ट ने कहा है कि वह अपने मोबाइल नंबर पर आरोग्य सेतु ऐप को भी डाउनलोड करके रखेगा।पुलिस ने उमर खालिद के खिलाफ दंगों से संबंधित एक अन्य मामले में गैर कानूनी गतिविधि (निषेध) कानून (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया था। इससे पहले इस साल फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगों के सिलसिले में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने 2 सितंबर को भी खालिद से पूछताछ की थी। बता दें, इस साल 23 फरवरी को उत्तर पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक दंगे हुए थे। इस दंगे में 53 लोग मारे गए थे और लगभग 200 लोग घायल हुए थे। इस दौरान दिल्ली पुलिस के दो जवानों की भी जान चली गई थी