एक-एक व्यक्ति की जान बचाना राज्य सरकार की प्राथमिकता: मुख्यमंत्री योगी - मानवी मीडिया

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Tuesday, April 27, 2021

एक-एक व्यक्ति की जान बचाना राज्य सरकार की प्राथमिकता: मुख्यमंत्री योगी

जिलाधिकारी कोविड अस्पतालों के लिए सेक्टर प्रणाली लागू करें

प्रत्येक सेक्टर हेतु प्रभारी मजिस्ट्रेट नियुक्त करते हुए

कोविड मरीज के इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित करें

सरकारी अथवा निजी अस्पताल बेड उपलब्ध होने पर

कोविड पाॅजिटिव मरीज को भर्ती करने से मना न करें

निजी अस्पताल में मरीज, भुगतान करने में यदि सक्षम नहीं है,

ऐसी दशा में राज्य सरकार आयुष्मान भारत योजना के तहत

अनुमन्य दर पर वहां उसके इलाज का भुगतान करेगी

उपचार के अभाव में किसी भी मरीज का कोई नुकसान नहीं होना चाहिए

सभी जनपदों में बेड की संख्या दोगुनी की जाए

सभी जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी

डिस्चार्ज पाॅलिसी को तुरन्त लागू करें

18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए आगामी 01 मई से प्रस्तावित

कोविड टीकाकरण कार्यक्रम की सभी व्यवस्थाएं समय से की जाएं

इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर के हेल्पलाइन नम्बर 24 घण्टे कार्यशील रहें

हेल्पलाइन नम्बर पर आने वाली हर कॉल अटेण्ड की जाए तथा कॉल

करने वाले की बात को सुनकर तत्परता से कार्यवाही की जाए

सभी जनपदों के सरकारी एवं निजी चिकित्सालय प्रतिदिन सुबह 08 बजे और

अपरान्ह 04 बजे भरे व खाली बेड की संख्या प्रमुखता से डिस्प्ले करें

होम आइसोलेशन के सभी मरीजों से नियमित टेलीकंसल्टेंसी की जाए,

उन्हें न्यूनतम 07 दिन की सभी निर्धारित दवाओं की मेडिकल किट उपलब्ध हो

सभी सरकारी तथा निजी प्रयोगशालाओं द्वारा टेस्टिंग क्षमता में वृद्धि की जाए

निजी प्रयोगशालाएं क्वालिटी टेस्ट करते हुए,

घर से जांच करने के लिए सैम्पल कलेक्ट करें

समय पर टेस्ट के रिजल्ट उपलब्ध कराने पर बल

राज्य सरकार ने निजी अस्पतालों तथा निजी प्रयोगशालाओं की

दरें तय कीं, अधिक शुल्क लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए

ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता के लिए राज्य सरकार द्वारा युद्धस्तर पर

किये गए प्रयासों से प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति हर दिन बेहतर होती जा रही

जनपदों की मांग के अनुसार रेमडेसिविर के पर्याप्त वायल उपलब्ध कराये जा रहे हैं

स्वच्छता, सैनिटाइजेशन तथा फाॅगिंग कार्यक्रम को प्रमुखता से क्रियान्वित कराएं

कोविड नियंत्रण कार्य में निगरानी समितियों की प्रमुख भूमिका


लखनऊ: (मानवी मीडिया)उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि एक-एक व्यक्ति की जान बचाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने सभी जनपदों में कोविड बेड की संख्या बढ़ाने, आॅक्सीजन की अनावरत आपूर्ति सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कोविड अस्पतालों की व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाये रखने के भी निर्देश दिये हैं।

मुख्यमंत्री ने आज वर्चुअल माध्यम से आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपने-अपने जनपद में कोविड प्रबन्धन के तहत कोविड अस्पतालों के लिए सेक्टर प्रणाली लागू करें। इसके लिए प्रत्येक सेक्टर हेतु प्रभारी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया जाए। वह अपने सेक्टर के कोविड चिकित्सालयों तथा उसके आसपास के क्षेत्र में कोविड मरीज को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराते हुए उसके इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी सरकारी अथवा निजी अस्पताल बेड उपलब्ध होने पर कोविड पाॅजिटिव मरीज को भर्ती करने से मना न करे। यदि सरकारी अस्पताल में बेड उपलब्ध नहीं है, तो सम्बन्धित अस्पताल किसी निजी अस्पताल में सन्दर्भित करेगा। यदि मरीज निजी अस्पताल में भुगतान के आधार पर उपचार कराने में सक्षम नहीं है, तो ऐसी दशा में राज्य सरकार आयुष्मान भारत योजना के तहत अनुमन्य दर पर वहां उसके इलाज का भुगतान करेगी। उपचार के अभाव में किसी भी मरीज का कोई नुकसान नहीं होना चाहिए।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि उन्होंने कहा कि कोविड बेड की संख्या को दोगुना करने के लक्ष्य के अनुरूप सभी जनपदों में बेड की संख्या निरन्तर बढ़ायी जाए। कोविड अस्पताल में बेड उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शासन द्वारा तय की गई डिस्चार्ज पाॅलिसी को तुरन्त लागू करें। इस सम्पूर्ण कार्यवाही के लिए जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी की संयुक्त जवाबदेही तय करने के निर्देश भी दिए हैं।

मुख्यमंत्री  ने निर्देशित किया कि डॉक्टर के परामर्श के क्रम में जिन मरीजों को होम आइसोलेशन के लिए डिस्चार्ज किया जाए, उन्हें टेलीकंसल्टेंसी के माध्यम से नियमित परामर्श दिया जाए। इस कार्य के लिए इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर का सार्थक उपयोग किया जाए। उन्होंने होम आइसोलेशन के सभी मरीजों से नियमित संवाद करने, उन्हें न्यूनतम 07 दिन की सभी निर्धारित दवाओं की मेडिकल किट उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए हैं।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि कोरोना के संक्रमण को नियंत्रित करने तथा कोविड रोगियों को उपचार की बेहतर व्यवस्था उपलब्ध कराने में इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रत्येक जनपद में इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप कार्यशील रहे। यह सुनिश्चित कराना जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी की जिम्मेदारी है।

मुख्यमंत्री  ने निर्देशित किया कि प्रत्येक जनपद के इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर के कम से कम 02 हेल्पलाइन नम्बर 24 घण्टे कार्यशील रहें। यह हेल्पलाइन नम्बर प्रमुखता से वहां प्रदर्शित किए जाने चाहिए। इन हेल्पलाइन नम्बरों का मीडिया के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाए। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि हेल्पलाइन नम्बर पर आने वाली हर कॉल अटेण्ड की जाए तथा कॉल करने वाले की बात को सुनकर तत्परता से कार्यवाही की जाए। इसके लिए वहां जिम्मेदार लोगों की तैनाती की जाए।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि जनता को मौके पर जानकारी देने और उनकी समस्या अथवा मांग को नोट करने के लिए इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर के प्रवेश द्वार के नजदीक रिसेप्शन एरिया होना चाहिए। सभी जनपदों के सरकारी एवं निजी चिकित्सालय प्रतिदिन सुबह 08 बजे और अपरान्ह 04 बजे भरे व खाली बेड की संख्या प्रमुखता से डिस्प्ले करें।

मुख्यमंत्री  ने जांच की संख्या में लगातार वृद्धि करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी तथा निजी प्रयोगशालाओं द्वारा टेस्टिंग क्षमता में वृद्धि की जाए। निजी प्रयोगशालाएं क्वालिटी टेस्ट करते हुए लोगों के घर से जांच करने के लिए सैम्पल कलेक्ट करने की व्यवस्था करें। सरकारी प्रयोगशालाओं में आर0टी0पी0सी0आर0 जांच की क्षमता को दोगुना करने के लिए अतिरिक्त आर0टी0पी0सी0आर0 मशीनों एवं अन्य उपकरणों की प्राथमिकता पर व्यवस्था की जाए। इस कार्य के लिए अतिरिक्त मैनपावर का प्रबन्ध करते हुए उनकी ट्रेनिंग करायी जाए।

मुख्यमंत्री ने समय पर टेस्ट के रिजल्ट उपलब्ध कराने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सभी संस्थानों में कोविड शुल्क की दरें तय की हैं। नियत शुल्क से अधिक की वसूली करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग को और बेहतर किये जाने की जरूरत है। इसमें आंगनबाड़ी एवं आशा कार्यकत्र्रियों को जोड़ते हुए कोविड नियंत्रण कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में मेडिकल ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए राज्य सरकार ने युद्धस्तर पर प्रयास किये हैं। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप आज प्रदेश में आॅक्सीजन की आपूर्ति हर दिन बेहतर होती जा रही है। प्रदेश को 08 नए ऑक्सीजन टैंकर मिले हैं। यह वाहन ऑक्सीजन की व्यवस्था को और बेहतर करने में उपयोगी सिद्ध होंगे।

मुख्यमंत्री  ने सरकारी अस्पतालों तथा मेडिकल कॉलेजों में ऑक्सीजन प्लाण्ट की स्थापना कार्य को तेज गति से जारी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हर सरकारी मेडिकल कॉलेज में एक लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन प्लाण्ट तथा एक एयर सेपरेटर यूनिट की स्थापना का सैद्धान्तिक निर्णय लिया गया है। इसी प्रकार स्वास्थ्य विभाग के अन्तर्गत जिला चिकित्सालय, जिला महिला चिकित्सालय के साथ-साथ आवश्यकतानुसार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर एयर सेपरेटर यूनिट की स्थापना के सम्बन्ध में कार्यवाही की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में रेमडेसिविर सहित सभी जीवनरक्षक दवाओं की आपूर्ति बढ़ायी जा रही है। जनपदों की मांग के अनुसार रेमडेसिविर के पर्याप्त वायल उपलब्ध कराये जा रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में यह इंजेक्शन निःशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है। जरूरत हो तो निजी अस्पतालों को भी रेमडेसिविर उपलब्ध करायी जाए।

मुख्यमंत्री  ने निर्देशित किया है कि 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए आगामी 01 मई से प्रस्तावित कोविड टीकाकरण कार्यक्रम की सभी व्यवस्थाएं समय से की जाएं। इस टीकाकरण कार्यक्रम में हमें वैक्सीन वेस्टेज को शून्य स्तर पर लाना होगा, जिससे हम अधिकाधिक लोगों का टीकाकरण कर सकें। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा 03 माह के लिए आॅक्सीजन सम्बन्धी उपकरणों तथा कोविड वैक्सीन के आयात पर कस्टम ड्यूटी से छूट दी गयी है। इस निर्णय का तत्काल लाभ प्राप्त करने के लिए वित्त मंत्री की अध्यक्षता में गठित कमेटी सभी विकल्प खुले रखे। कमेटी को टीका निर्माण करने वाली विभिन्न कम्पनियों से संवाद स्थापित करना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायतीराज विभाग एवं नगर विकास विभाग स्वच्छता, सैनिटाइजेशन तथा फाॅगिंग कार्यक्रम को प्रमुखता से क्रियान्वित कराएं। कोविड नियंत्रण कार्य में निगरानी समितियों की प्रमुख भूमिका है। अतः इनका टेस्टिंग एवं ट्रेसिंग कार्य में प्रभावी रूप से उपयोग किया जाए। पंचायत चुनाव कर्मी मास्क व हैण्ड ग्लव्स का प्रयोग अवश्य करें। उन्होंने निर्देशित किया कि पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क के अनिवार्य उपयोग एवं नाइट कफ्र्यू के सम्बन्ध में लोगों को निरन्तर जागरूक किया जाए। आॅक्सीजन एवं जीवनरक्षक औषधियों की कालाबाजारी एवं मुनाफाखोरी करने वालों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए।

समीक्षा में चिकित्सा शिक्षा मंत्री  सुरेश खन्ना, स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारीगण वर्चुअल माध्यम से सम्मिलित हुए

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